Star Khabre, Faridabad; 04th October 2022 : एनआईटी दशहरे के नाम पर विधायक सीमा त्रिखा पिछले 7 वर्षों से राजनीति का गंदा खेल खेल रही हैं। वह दशहरे के नाम पर आमजन की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही हैं। उक्त वाक्य बड़खल विधानसभा निगरानी समिति के प्रमुख आनंदकांत भाटिया ने कहे। उन्होंने कहा कि दो संस्थाओं का विवाद बताकर एक बार फिर प्रशासन को कठपुतली की तरह इस्तेमाल करते हुए विधायक सीमा त्रिखा ने दशहरा मैदान को अखाड़े का रूप दे दिया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने एनआईटी फरीदाबाद का दशहरा मनाने का जो जिम्मा अपने हाथ में लिया है, वह विधायक सीमा त्रिखा के इशारों पर लिया गया है। हालांकि इन सब बातों के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञ और आमजन सब यह जानते हैं कि सीमा त्रिखा दो संस्थाओं को लड़ाकर अपना राजनैतिक उल्लू सीधा करने में लगी हुई हैं।
निगरानी समिति के प्रमुख आनंदकांत भाटिया ने कहा कि यह दशहरा किसी भी कीमत पर विवादित बताना गलत है क्योंकि पूर्व में जिन दो संस्थाओं के बीच विवाद गहराता चला आया था, उनमें से एक संस्था फरीदाबाद धार्मिक एवं सामाजिक संगठन का कार्यालय फरीदाबाद नगर निगम द्वारा ही 3 मार्च 2021 को कब्जा मुक्त करवा लिया गया था। तत्पश्चात डेढ़ साल की मशक्कत के बाद अंतत: 7 सिंतबर 2022 को जिला रजिस्ट्रार कार्यालय से एक पत्र स्टेट रजिस्ट्रार के पास यह मानते हुए प्रेषित करवाया गया है कि उक्त संस्था द्वारा कई वर्षाे से संस्था का लाखों रूपए का हिसाब-किताब किसी भी सरकारी संस्थान को प्रस्तुत नहीं किया गया है। जिला रजिस्ट्रार की माने तो संस्था के पंजीकरण के समय ही अपूर्ण अथवा गलत दस्तावेजों के आधार पर संस्था का पंजीकरण करवाया गया था।
उन्होंने कहा कि हाल ही में कल एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई जिसमें उसी संस्था के प्रधान और चेयरमैन प्रशासनिक अधिकारियों के साथ दशहरा मैदान में दशहरे की रूपरेखा समझाते हुए दिखे। सूत्रों से ज्ञात हो रहा है कि प्रशासन द्वारा दशहरा मनाने के लिए 33 सदस्यीय एक कमेटी का गठन किया गया है । उन्होंने कहा कि यकीनन इस कमेटी में उन लोगों को ही शामिल किया है, जो उपरोक्त इस विवादित संस्था से संबंध रखते है और कि पूर्व में किए गए अवैध व अनैतिक कार्यों के जिम्मेदार है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि यदि उन्हीं लोगों को दशहरा मनाने के लिए उस कमेटी का हिस्सा बनाया जाता है तो इसकी जिम्मेदार पूरी तरह से स्थानीय विधायक सीमा त्रिखा ही होगी क्योंकि आज तक इन लोगों के खिलाफ किसी प्रकार की प्रशासनिक कार्यवाही न होने के पीछे भी स्वयं यही लोग विधायक सीमा त्रिखा का हाथ होना बताते चले आ रहे है। विधायक सीमा त्रिखा द्वारा कभी भी किसी अन्य की बात को नहीं सुना गया है। उनकी इस मनमानी का खमियाजा यकीनन आने वाले समय में पार्टी को भुगतना पड़ सकता है, जिसको लेकर वह पार्टी के आला नेताओं को पत्र लिखकर भी अवगत करवाएंगे। उन्होंने कहा कि दशहरा हमारे समाज का महत्वपूर्ण त्यौहार रहा है और इसे मनाने का कार्य भी हमारी संस्थाओं द्वारा किया जाता रहा है, ऐसे में उस प्रशासन को बार-बार बीच में डालना गलत होगा, जो पैसों की कमियों के चलते अपने दायित्व को ही नहीं निभा पा रहा है।