Star Khabre, Faridabad; 04th October : रामलीला में सोमवार रात को कहीं राम जन्म की खुशियां मनाई गई तो कहीं सीता स्वयंवर के लिए शिवधनुष भंग की लीला का मंचन किया गया। सेक्टर-15 स्थित सामुदायिक भवन में श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित रामलीला में भव्य सीता स्वयंवर का मंचन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत सीता स्वयंवर से की गई। सीता स्वयंवर शुरु होता है। पृथ्वी के बड़े-बड़े राजा शिव के धनुष को जब हिला नहीं पाते हैं। इन राजाओं में रावण सहित कई देशों के राजा शामिल थे। शिव धनुष को तोडऩे के लिए अलग-अलग राजाओं ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। लेकिन कोई भी धनुष तोडऩे में सफल नहीं हुआ। जब तमाम राजा मिलकर धनुष हिला तक नहीं सके, तब जनक विलाप कर कहते हैं कि क्या ऐसा कोई वीर नहीं जो यह धनुष उठा कर प्रत्यंचा चढ़ा सके। जनक के यह वचन सुनकर ऋषि विश्वामित्र और भाई राम के साथ मौजूद लक्ष्मण उत्तेजित हो गये। उसके बाद ऋषि विश्वामित्र की आज्ञा से राम धनुष उठाने जाते हैं। श्रीराम ने शिव धनुष उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाने की कोशिश की, तो वह तेज ध्वनि के साथ टूट गया। इस तरह राम ने सीता स्वयंवर की शर्त पूरी की। जैसे ही यह दृश्य मंचित हुआ दर्शकों में तालियों की गडग़ड़ाहट गूंज उठी। वह पलभर एक झटके से धनुष तोड़ देते हैं। धनुष के टूटते ही क्रोधित परशुराम मौके पर पहुंच जाते हैं और पूछते हैं कौन है वो जिसने शिव धनुष तोड़ा। इस दौरान परशुराम व लक्ष्मण संवाद ने दर्शकों की तालियां बटोरी। आखिर में जब परशुराम को मालूम होता है राम साक्षात परमात्मा हैं तो उनका क्रोध शांत होता है और वह भगवान राम को प्रणाम कर वहां से चले जाते हैं। अंत में राम बारात का दृश्य दिखाया गया। राम की भूमिका में रितेश कुमार, लक्षमण की भूमिका अनिल चावला, रावण और परशुराम का किरदार में श्रवण चावला, राजा जनक दिनेश सहगल, दशरथ अजय खरबंदा और सीता का दमदार रोल युगंधा ने निभाया।