Star Khabre, Faridabad; 11 October : धर्म के नाम पर लोगों को भडक़ा कर भाजपा के पूर्व विधायक चंदर भाटिया अपना राजनैतिक वर्चस्व खोजने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल भाजपा छोड़ इनेलो में जाने से पहले चंदर भाटिया ने कभी सपने में भी यह नहीं सोचा होगा कि भाजपा में वापिसी करना उनके लिए इतना मुश्किल हो जाएगा, जैसा की हो रहा है। अपनी इसी राजनैतिक लड़ाई को लडऩे के लिए चंदर भाटिया ने अपना राजनैतिक मैदान श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर यानि एक धार्मिक स्थल को बना लिया है। अब वह धर्म स्थल को मुद्दा बनाकर अपनी राजनैतिक जमीन खोज रहे हैं।
गौरतलब है कि चंदर भाटिया विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा से टिकट न मिलने से नाराज होकर इनेलो (इंडियन नेशनल लोकदल) में चले गए। जहां उन्होंने इनेलो की टिकट पर बडख़ल विधानसभा क्षेत्र से सीमा त्रिखा के विरूद्ध चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें वहां करारी हार मिली। चुनावों के बाद इनेलो पार्टी की डगमगाती स्थिति की देखते हुए चंदर भाटिया ने इनेलो पार्टी से किनारा कर लिया है। भाजपा तो वह पहले ही छोड़ चुके हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो चंदर भाटिया इस समय राजनैतिक मैदान में बेराजगार से लग रहे हैं। यही कारण है कि वह अपनी राजनैतिक रोटियां अब धर्म के नाम पर सैकने की कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा छोडक़र इनेलो की टिकट पर विधानसभा चुनावों में करारी हार का मजा लेने के बाद चंदर भाटिया एक बार फिर भाजपा में वापिसी करना चाहते हैं लेकिन स्थानीय विधायिका सीमा त्रिखा उनके रास्ते में रोड़ा बनी हुई है। वहीं केन्द्रीय राज्यमंत्री व फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर ने भी सीमा त्रिखा के लिए चंदर भाटिया के मामले में कवरिंग फायर की जिस कारण चंदर भाटिया का पार्टी में वापिसी करना मुश्किल हो गया है। पार्टी में वापसी न मिलने से बौखलाए चंदर भाटिया ने अब धार्मिक स्थल को ही युद्ध का मैदान बना लिया है और भोली भाली जनता को धर्म के नाम पर भडक़ाने की कोशिश कर रहे हैं। पहले जहां चंदर भाटिया के भाई राजेश भाटिया ने दशहरे की इजाजत न मिलने के पीछे सीमा त्रिखा का हाथ बताया, वहीं अब चंदर भाटिया मंदिर में प्रशासक की नियुक्ति को सीमा त्रिखा व कृष्णपाल गुर्जर की साजिश बता रहे हैं। जबकि इस मामले को लेकर अदालत में हुई सुनवाई में सारे आदेश राजेश भाटिया के खिलाफ गए हुए हैं। चंदर भाटिया ने भाजपा में अपनी वापसी के सारे रास्ते बंद देखकर अब भाजपा सांसद व स्थानीय विधायक के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। अपनी इस राजनैतिक लड़ाई में अब वह कांगे्रस सहित अनेक राजनैतिक पार्टी नेताओं का भी साथ लेने की कोशिश कर रहे हैं।
मजेदार बात यह है कि जहां चंदर भाटिया भाजपा सांसद और भाजपा विधायिका के खिलाफ मोर्चा खोले बैठे हैं, वहीं वह भाजपा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को ईनामदार बता रहे हैं। चंदर भाटिया ने प्रेस में जारी बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री खट्टर ईमानदार, मेहनतकश व धार्मिक प्रवृति के शख्स हैं। अब देखने वाली बात यह है कि क्या जनता चंदर भाटिया के भडक़ाएं में आती है या फिर राजनैतिक दाव पेंच समझ इस सब का बहिष्कार करती है।