वर्ष 2010 में निगम का चुनाव लड़े उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग के पास नहीं जमा करवाया था खर्चों का ब्यौरा
पहले चरण में आज चुनाव आयुक्त ने की 79 उम्मीदवारों की सुनवाई
Shikha Raghav (Star Khabre), Faridabad; 22nd August : आगामी नगर निगम चुनाव लडऩे से 239 उम्मीदवार वंचित रह सकते हैं। दरअसल वर्ष 2010 में चुनाव लड़े करीब 239 उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग के पास अपने चुनाव खर्चे का ब्यौरा जमा नहीं करवाया था जिस कारण अब उन पर चुनाव आयोग कार्रवाई कर सकता है। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए पहले चरण में सुनवाई के लिए चुनाव आयोग द्वारा 239 उम्मीदवारों में से 79 उम्मीदवारों को नोटिस जारी किया गया जिनकी आज चुनाव आयुक्त ने व्यक्तिगत रूप से सुनवाई की। उम्मीद है कि अगले 4 से 5 दिन में चुनाव आयोग उक्त उम्मीदवारों पर अपना फैसला सुना देगा। मजेदार बात यह है कि इन 239 उम्मीदवारों में कई पूर्व पार्षद भी शामिल हैं।
मई वर्ष 2010 में नगर निगम चुनाव संपन्न हुए थे। चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने के बाद चुनाव आयोग के पास उम्मीदवारों को अपने-अपने चुनाव के दौरान किए गए खर्चें का ब्यौरा देना होता है लेकिन वर्ष 2010 में हुए चुनाव संपन्न होने के बाद भी 239 उम्मीदवारों ने अपने चुनावी खर्चे का ब्यौरा चुनाव आयोग को नहीं दिया। अब इस मामले में चुनाव आयोग ने उनकी तरफ अपनी टेढ़ी नजर करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। बताया गया कि 239 उम्मीदवारों को तीन फेस में नोटिस जारी किए जाएंगे। पहले फेस में 79 उम्मीदवारों को नोटिस जारी किए गए जिनकी आज चुनाव आयुक्त ने सेक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय में व्यक्तिगत रूप से सुनवाई की। नोटिस जारी होने के बाद सुनवाई के लिए 79 उम्मीदवारों में से लगभग 32 उम्मीदवार पहुंचे। इनमें से करीब 8 उम्मीदवारों ने मौके पर ही चुनाव के दौरान हुए अपने खर्चे का ब्यौरा चुनाव आयुक्त को दे दिया। जबकि अन्य ने लिखित रूप से अपना-अपना जबाव दिया। किसी उम्मीदवार ने चुनाव आयुक्त को बताया कि उन्होंने उस समय खर्चे का ब्यौरा दिया था लेकिन उनके पास कैसे नहीं पहुंचा, उन्हें नहीं पता। जबकि किसी उम्मीदवार ने कहा कि चुनाव के दौरान हुए खर्चें के कागजात खो गए हैं।
उम्मीद है कि सोमवार को प्रथम चरण की सुनवाई के बाद अब अगले 4 से 5 दिन में चुनाव आयोग उक्त उम्मीदवारों पर अपना फैसला सुना देगा। जानकारों का मानना है कि यदि चुनाव आयुक्त सुनवाई पर पहुंचे उम्मीदवारों के जबाव से संतुष्ट हुए तो वह उन्हें अगले चुनाव लडऩे का मौका दे सकते हैं। जबकि यदि वह संतुष्ट नहीं हुए तो उक्त उम्मीदवार व सुनवाई पर न पहुंचे उम्मीदवार अगले तीन साल तक किसी भी चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे। चुनाव आयोग की तरफ से उन पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा कि वह अगले तीन साल तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकते।
चुनाव आयोग ने की देर से सुनवाई
वर्ष 2010 में चुनाव लड़ चुके उम्मीदवारों द्वारा चुनाव आयोग को खर्चें का ब्यौरा न दिए जाने के मामले में चुनाव आयोग ने देर से सुनवाई की। दरअसल उक्त 239 उम्मीदवारों को चुनाव आयोग द्वारा वर्ष 2011 में नोटिस जारी किए गए थे लेकिन उनकी तब से अब तक चुनाव आयोग ने सुनवाई नहीं की और न ही इस संबंध में कोई कार्रवाई की। चुनाव आयोग में नए आयुक्त ने आते ही इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को पहले चरण के 79 उम्मीदवारों को नोटिस जारी किए और सोमवार को उक्त उम्मीदवारों की व्यक्तिगत रूप से सुनवाई की। अब देखना यह है कि चुनाव आयोग इन उम्मीदवारों के संबंध में क्या निर्णय लेता है। यदि चुनाव आयोग ने इन्हें अयोग्य घोषित कर दिया तो यह तीन साल के लिए कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।