Star khabre, National; 26th January : 76वें गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परेड के समापन के बाद कर्तव्य पथ पर चलकर एक नई परंपरा को जारी रखा। इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद लोगों का अभिवादन किया और उनके पास से गुजरते हुए दर्शकों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी को देखकर देशभक्ति से ओत-प्रोत दर्शक भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। इसी बीच प्रधानमंत्री भी कर्तव्य पथ के दूसरी ओर पहुंचे, जहां उत्साहित भीड़ ने उनका स्वागत किया और इस पल को अपने कैमरों में कैद किया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने फहराया राष्ट्रीय ध्वज
गणतंत्र दिवस समारोह की अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की। उन्होंने कर्तव्य पथ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और इस विशेष अवसर पर पूरे देश का नेतृत्व किया। उनके साथ इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो भी थे, जो इस वर्ष के मुख्य अतिथि थे। दोनों राष्ट्रपति पारंपरिक बग्गी में सवार होकर समारोह स्थल पहुंचे, यह परंपरा 40 साल बाद 2024 में फिर से शुरू की गई थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने किया स्वागत
राष्ट्रपति मुर्मू और राष्ट्रपति सुबियांतो के कर्तव्य पथ पर आगमन पर प्रधानमंत्री मोदी ने उनका स्वागत किया। इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ भी कार्यक्रम स्थल पर मौजूद थे। समारोह की शुरुआत राष्ट्रीय ध्वज फहराने, राष्ट्रगान गाने और 21 तोपों की सलामी के साथ हुई।
संविधान के लागू होने के 75 साल पूरे होने का जश्न
इस वर्ष के गणतंत्र दिवस समारोह में भारतीय संविधान के लागू होने के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया गया। इस अवसर पर “जनभागीदारी” पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। समारोह में भारत की सांस्कृतिक विविधता, एकता, समानता, विकास और सैन्य शक्ति को प्रदर्शित किया गया। परेड की शुरुआत पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुनों के साथ हुई, जिसमें शहनाई, बांसुरी, शंख, ढोल और तुतारी जैसे वाद्य शामिल थे।
हेलिकॉप्टरों से फूलों की पंखुड़ियों की वर्षा
परेड के दौरान 129 हेलिकॉप्टर यूनिट के एमआई-17 हेलिकॉप्टरों द्वारा फूलों की पंखुड़ियों की शानदार वर्षा की गई। इस विशेष ध्वज फॉर्मेशन का नेतृत्व ग्रुप कैप्टन आलोक अहलावत ने किया।
वीरता पुरस्कार विजेताओं का परेड में योगदान
परेड का नेतृत्व वीरता पुरस्कार विजेताओं ने किया। इसमें परमवीर चक्र प्राप्तकर्ता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेन्द्र सिंह यादव और सूबेदार मेजर संजय कुमार (सेवानिवृत्त) शामिल थे। साथ ही अशोक चक्र प्राप्तकर्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जस राम सिंह (सेवानिवृत्त) भी परेड में शामिल हुए। इस बार इंडोनेशिया की सैन्य टुकड़ी भी परेड में भागी, जिसमें 152 सदस्य शामिल थे। गणतंत्र दिवस के इस भव्य आयोजन ने देशवासियों को भारतीय सैनिकों और उनके योगदान की याद दिलाई, साथ ही भारत और इंडोनेशिया के बीच मजबूत रिश्तों को भी प्रदर्शित किया।
News Source : PunjabKesari