Star khabre, Faridabad; 18th October : राजेश भाटिया जिला प्रशासन का खुलेआम मजाक उड़ा रहे हैं। श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर में प्रशासक नियुक्त होने के बावजूद भी राजेश भाटिया मंदिर का लेटरहैड प्रयोग कर अपने आप को अभी भी मंदिर का प्रधान बता रहे हैं। एक तरफ जहां वह प्रेस को विज्ञप्ति जारी कर अभी भी अपने को मंदिर का प्रधान लिख रहे हैं, वहीं अभी हाल ही में थाना कोतवाली में राजेश भाटिया ने मंदिर के लेटरहेड पर अपने ऊपर हुए जानलेवा हमले की शिकायत दी है। जबकि ध्यान देने योग्य बात यह है कि मंदिर पर प्रशासक का कब्जा होने के बाद कोई भी व्यक्ति मंदिर का लेटरहैड प्रयोग नहीं कर सकता। मंदिर पर प्रशासक की नियुक्ति होने के बाद मंदिर में कोई कमेटी मान्य नहीं होती और जब कोई कमेटी की मान्य नहीं है तो मंदिर का कोई प्रधान कैसे हो सकता है।
गौरतलब है कि अभी हाल ही में 12 अक्टूबर को जनरल रजिस्ट्रार ने श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर में दो पक्षों के विवाद के चलते मंदिर पर प्रशासक नियुक्त करने के आदेश जारी कर दिए थे और 14 अक्टूबर को प्रशासक गौरव आंतिल ने श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर पर राजेश भाटिया से कब्जा लेकर ह्यअपना पदाभार भी संभाल लिया। प्रशासक द्वारा मंदिर पर कब्जा लेने के बाद भी लगातार राजेश भाटिया प्रेस को जारी बयान और विज्ञप्ति में अपने आप को मंदिर का प्रधान बता रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने काूनन की धज्जियां उड़ाते हुए अभी हाल ही में थाना कोतवाली में अपने ऊपर हुए जानलेवा हमले की शिकायत में श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर का लेटरहैड प्रयोग किया जिसमें उन्होंने अपने आप को प्रधान दर्शाया हुआ है जोकि कानूनन गलत है। राजेश भाटिया ने अपने ऊपर हुए जानलेवा हमले की शिकायत श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर का लेटरहैड पर लिखकर थाना कोतवाली के साथ-साथ फरीदाबाद पुलिस आयुक्त, जिला उपायुक्त, एनआईटी डीसीपी और मुख्यमंत्री हरियाणा को भी भेजी है। अब देखने वाली बात यह है कि क्या अधिकारियों का इस ओर ध्यान जाएगा या नहीं कि शिकायतकर्ता खुद सीधे तौर पर कानून का उल्लंघन कर उसका मजाक उडा रहा है। अब यह तो समय ही बताएगा।
इस संदर्भ में जब थाना प्रभारी भारत सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मंदिर में प्रशासक नियुक्त होने के बाद हां लेटरहैड का प्रयोग नहीं किया जा सकता लेकिन यदि इस बारे में मंदिर का प्रशासक कोई आपति उठाए तो कार्रवाई हो सकती है।