Star Khabre, Faridabad; 19th January : फरीदाबाद निकाय चुनाव की वार्डबंदी को लेकर हाईकोर्ट में अब अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी। मिली जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट में सरकारी वकील ने कोर्ट द्वारा मांगा गया जबाव अभी तक दाखिल नहीं किया, जिस कारण कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई नहीं हुई और अगली तारीख दे दी गई। बता दें, राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के निर्देश पर नई वार्डबंदी कमेटी का गठन किया था मगर याचिकाकर्ताओं ने इसको चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि नगर निगम ने सत्तारूढ़ दल के पूर्व पार्षदों को वार्डबंदी कमेटी में शामिल करके नया खेल खेलना शुरू कर दिया है।
क्या है मामला
नगर निगम चुनाव कराने के लिए 9 फरवरी 2015 मेंं वार्डबंदी कमेटी का गठन किया गया था। इसमें निवर्तमान मेयर अशोक अरोड़ा, सीनियर डिप्टी मेयर मुकेश शर्मा, डिप्टी मेयर राजेंद्र भामला तीन पार्षद योगेश धींगड़ा, अनिल शर्मा और राव रामकुमार को सदस्य बनाया गया था। इसमें 35 वार्डों की वार्डबंदी का काम पूरा कर दिया गया था। लेकिन सरकार ने जून 2015 में नगर निगम सदन भंग होने के बाद बगैर कमेटी भंग किए ही नई एडहॉक कमेटी का गठन कर दिया था। याचिकाकर्ता निवर्तमान सीनियर डिप्टी मेयर एवं डिप्टी मेयर ने नई एडहॉक कमेटी को अवैध बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। 13 अक्टूबर को हाईकोर्ट की एकल बेंच ने नई वार्डबंदी के लिए गठित एडहॉक कमेटी को भंग कर दिया था। उधर निगम ने नई अधिसूचना जारी कर निवर्तमान पार्षद राजेंद्र अग्रवाल, सतीश चंदीला, अजय बैसला, पूरन देवी एवं कुलदीप तेवतिया को एडहॉक कमेटी का सदस्य बना दिया। वार्डबंदी के प्रारूप को लेकर यह कमेटी 4 बैठक कर चुकी है।
फरीदाबाद निकाय चुनाव : सरकारी वकील ने कोर्ट में नहीं किया जबाव दाखिल, अगली सुनवाई 22 फरवरी को
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