Shikha Raghav, Faridabad; 22nd February : पिछले पांच दिनों से शहर के हर गली-नुक्कड़ से लेकर हर चौक चौहारे पर फ्रीडम 251 की चर्चा हो रही है। दिन प्रतिदिन इस मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। जिन शहरवासियों ने फ्रीडम 251 का विज्ञापन पढक़र या देखकर इसे बुक कर दिया है, वह इस सोच में है कि अब उन्हें यह मोबाइल मिलेगा कि नहीं और जो लोग बुक नहीं कर पाए हैं वह यह सोच रहे है कि क्या सच में यह कंपनी लोगों को इतनी कम कीमत में मोबाइल दे पाएगी या नहीं। कुल मिलाकर कहा जाए तो फ्रीडम 251 पिछले पांच दिनों से हर किसी की जुबान पर चढ़ा हुआ है। हर जगह सिर्फ इसी बारे में चर्चा हो रही है।
गत 30 जनवरी को हमने अपनी खबर में एक गुडगांव के एक सपने के सौदागार का जिक्र किया था जिसने लोगों को सपने बेचे और लोग आज अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। अब बाजार में एक और सपनों का सौदागर आता नजर आ रहा है। कहीं ऐसा न हो कि इस बार लोग एक बार फिर अपने आप को ठगा सा महसूस करें। हालांकि इस बार रकम उतनी अधिक नहीं है लेकिन इससे लोगों की जुडी भावनाएं और सपने बड़े ही हैं। अगर किसी प्रकार का कोई घोटाला हुआ तो उसकी राशि हजारों करोड़ो रुपए में ही नहीं बल्कि अरबों में होगी।
मुज्जफरनगर स्थित एक कस्बे शामली से आए एक किरयाने की दुकान चलाने वाले ने रातोरात ऐसा कौन सा अविष्कार कर दिया कि बड़ी नामचीन कंपनियों की रातों की ही नींद उड़ गई। दरअसल इस व्यापारी ने अभी पांच दिन पहले ही 251 रुपए में एक स्मार्ट फोन देने का लोगों से वादा किया है। इतना ही नहीं इसके लिए कंपनी ने 18 फरवरी से बुकिंग भी शुरू कर दी जिसके लिए उसने प्रमुख न्यूजपेपर्स के फ्रंट पेज पर एक ऐड दी। ऐड के माध्यम से बताया कि मात्र 251 रुपए में एक स्मार्ट फोन जनता को दिया जाएगा। साथ ही इस कंपनी के भारतीय होने का दावा भी किया और ऐड के अंत में मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया के लोगो भी दर्शाये।
बुकिंग के पहले दिन ही कंपनी को उम्मीद से भी ज्यादा रिसपांस मिला। कंपनी की माने तो मात्र तीन दिनों में ही 3 करोड़ लोगों ने मोबाइल बुक करा दिए। मोबाइल बुक करने में 251 रुपए के साथ-साथ 40 रुपए हैंडलिंग चार्ज भी लोगों से लिया जा रहा है। अब अगर अभी तक मोबाइल की बुकिंग की बात की जाए तो करीब 870 करोड़ रुपए के मोबाइल बुक हो चुके हैं।
अब कंपनी के बारे में बात की जाए तो बुकिंग शुरू होने के कुछ घंटो बाद से ही कंपनी चर्चा में आ गई। अलग-अलग विभागों ने मंथन करना शुरू किया कि किस प्रकार यह कंपनी (रिंगिंग बैल) इतनी कम कीमत में लोगों को स्मार्ट फोन उपलब्ध कराने का दावा कर रही है। कहीं यह कोई फ्रॉड तो नहीं है। इसके लिए अलग-अलग विभागों ने कंपनी को तलब करना शुरू कर दिया। हैरानी तो तब हुई जब जांच में यह पाया गया कि जो कंपनी लोगों को इतने सपने दिखा रही है और इतनी मोटी रकम की बुकिंग भी ले चुकी है, उसका एक भी मैनुफैक्चरिंग प्लांट ही नहीं है। इतना ही नहीं मेड इन इंडिया होने का जो दावा किया था, वह भी झूठा दिखाई दे रहा है।
अपने विज्ञापन में कंपनी ने यह भी कहा था कि 30 जून तक मोबाइल उपलब्ध करा दिया जाएगा, उस मुताबिक तीन करोड़ मोबाइल मात्र 100 दिनों में देने का दावा करने वाली कंपनी को प्रति 2 सैकेंड में पांच मोबाइल जनता तक पहुंचाने हैं। जबकि अभी तो मोबाइल बनाना तो दूर की बात कंप
नी का अभी तक यूनिट भी तैयार नहीं हो पाया है। ऐसे में क्या यह सपना सच हो पाएगा।
ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि जब कोई नई कंपनी आकर लोगों को सपने दिखाती है तो फिर गायब हो जाती है। हमने पहले भी कहा था कि ऐसे सपनों के सौदागर पर तुरंत रोक लगा देनी चाहिए। आखिर सरकारों की नींद लोगों के ठगे जाने के बाद ही क्यों खुलती है। क्या इसके लिए पहले से ही कोई नियम नहीं बनाने चाहिए ताकि लोग ठगे न जाए।