Shikha Raghav, Faridabad; 19th November : आमजन का यदि 5000 रुपए भी बिजली बिल बकाया होता है तो बिजली निगम द्वारा उनका कनेक्शन काट दिया जाता है लेकिन सरकारी विभाग पर लाखों रुपए का बिजली बिल बकाया होने के बावजूद बिजली निगम उन पर मेहरबान नजर आ रहा है। हाल ही में डीएलएफ एरिया स्थित बीएसएनएल टेलिफोन एक्सचेंज का लाखों रुपए का बिजली बिल बकाया होने के चलते निगम द्वारा उनका कनेक्शन काट दिया गया था लेकिन आज यकायक बिना बिजली बिल भरे बिजली निगम ने उनका कनेक्शन जोड़ दिया। अब ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि जहां बिजली निगम आमजन को बिजली बिल न भरने पर कोई राहत नहीं देता, वहीं सरकारी विभागों पर लाखों रुपए का बिल बकाया होने के बावजूद उनपर इतना मेहरबान क्यों हैं।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम इन दिनों बिजली बिलों का भुगतान न करने वाले अपने उपभोक्ताओं के खिलाफ कड़ा रूख अपनाए हुए है। यदि कोई उपभोक्ता समय से बिजली बिल का भुगतान नहीं करता तो बिजली निगम के अधिकारी व कर्मचारी ऐसे उपभोक्ता का कनेक्शन काट रहे हैं। हालांकि सरकारी विभागों को लेकर बिजली निगम हमेशा से ही नरमी बरतता आया है लेकिन अभी चार दिन पहले ही बिजली निगम द्वारा डीएलएफ स्थित बीएसएनएल टेलिफोन एक्सचेंज का बिजली बिल न भरने के कारण कनेक्शन काट दिया गया। बीएसएनएल टेलिफोन एक्सचेंज डीएलएफ पर बिजली निगम का अक्टूबर माह का 22 लाख रुपए का बिजली बिल बकाया है। यह बीएसएनएल का नार्थ इंडिया डाटा सेंटर है। अब हुआ यह कि आज शनिवार को अचानक बिजली निगम के कर्मचारियों ने आलाधिकारियों के कहने पर टेलिफोन एक्सचेंज का कनेक्शन जोड़ दिया गया जबकि बीएसएनएल की ओर से अक्टूबर माह की बकाया बिल राशि का भुगतान नहीं किया गया था। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि क्या सिर्फ सरकारी विभाग होने के चलते बिजली निगम द्वारा यह कनेक्शन जोड़ दिया गया है। जबकि आम उपभोक्ताओं के साथ बिजली निगम इस तरह की नरमी बरतता दिखाई नहीं देता। एक बार कनेक्शन कट जाने के बाद जब तक बिजली बिल का भुगतान न हो, तब तक उनका कनेक्शन नहीं जोड़ा जाता तो फिर टेलिफोन एक्सचेंज के साथ इतनी नरमी क्यों?
इस बारे में जब दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के एसई नरेश कक्कड़ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बिजली बिल न भरने के कारण टेलिफोन एक्सचेंज का कनेक्शन चार दिन पहले काट दिया गया था लेकिन टेलिफोन एक्सचेंज के अधिकारियों की तरफ से 6 से 7 दिन का समय मांगा गया है कि वह अपना बकाया बिल जमा करा देंगे, तो उन्हें समय देते हुए उनका कनेक्शन जोड़ दिया गया है। जब उनसे पूछा गया कि नियमानुसार 7 दिन का समय दिया जाता है और वह समय सीमा पूरी हो गई है तो फिर बकाया बिल का भुगतान किए बिना उनका कनेक्शन कैसे जोड़ दिया गया तो उन्होंने कहा कि सरकारी विभाग है। नार्थ इंडिया डाटा सेंटर है और उन्होंने समय मांगा है तो इसलिए उन्हें समय दे दिया गया है। यदि वह अब तय समय सीमा के अंदर अपना बकाया बिजली बिल नहीं भरते तो उनका कनेक्शन पुन: काट दिया जाएगा।
इस बारे में जब बीएसएनएल के जीएम गणेश चंद्रा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि डीएलएफ टेलिफोन एक्सचेंज हमारा नार्थ इंडिया डाटा सेंटर है। इसे आईडीसी कंपनी संभालती है जोकि बीएसएनएल की वेंडर है। उन्होंने बताया कि बीएसएनएल अपने द्वारा चलाए जाने वाली सभी जगह का बिजली बिल समय से भरती है लेकिन यह डाटा सेंटर वेंडर द्वारा चलाया जा रहा है, इसलिए बिजली बिल भरने में देरी वेंडर की तरफ से हुई है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर माह का बिल अभी बकाया है जिसे जल्द ही भर दिया जाएगा। जब उनसे बिजली बिल समय पर न भरने के कारण जो बिजली निगम द्वारा सरचार्ज वसूला जाता है, उसके संदर्भ में प्रश्न किया तो उन्होंने कहा कि सरचार्ज का भार बीएसएनएल नहीं उठाता बल्कि वही वेंडर कंपनी को उठाना पड़ता है, क्योंकि हमारे नाम पर सिर्फ वहां का कनेक्शन है, उससे जुडे बिल और देरी से भरने के कारण जो भी सरचार्ज लगा है, उसका भुगतान वेंडर को ही करना होता है। इसमें हमारा कोई रोल नहीं है। इसके अलावा उन्होंने देरी से बिल भरने की बात पर कहा कि वेंडर द्वारा इस प्रकार की लापरवाही की गई है, जिस संदर्भ में उन्हें हिदायत भी दी गई है कि आगे से इस प्रकार की लापरवाही न बरती जाए।