Star Khabre, Faridabad; 22nd May : अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले के दौरान पार्किंग के लिए प्रयोग की जाने वाली जमीन पर हरियाणा पर्यटन विभाग अवैध निर्माण कर रहा है। इस निर्माण को अवैध इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि हरियाणा पर्यटन विभाग ने इसमें कई नियमों को ताक पर रख दिया है। अरावली में निर्माण का मुद्दा गर्माया हुआ है। वन क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण करने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई हुई है, लेकिन उसके बावजूद भी निर्माण हो रहा है। इसके अलावा निर्माण करने से पूर्व कई विभाग से एनओसी लेनी होती है, लेकिन हरियाणा पर्यटन विभाग या निर्माणकर्ताओं ने नगर निगम से एनओसी नहीं ली।
अरावली में हो रहे निर्माण कार्यों को मुद्दा इन दिनों शहर में गर्माया हुआ है। इसी बीच सूरजकुंड में एक बहुत बड़ा निर्माण हो रहा है। आपको बता दें कि यह निर्माण सूरजकुंड के सामने बने पैट्रोल पंप के ठीक सामने उसी जमीन पर हो रहा है जोकि अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले की पार्किंग के तौर पर प्रयोग की जाती है। यह जमीन हरियाणा पर्यटन विभाग की है। इस पर मैरिज गार्डन का स्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि इस मैरिज गार्डन को बनाने में निर्माणकर्ता और पर्यटन विभाग के अधिकारियों की सांठ-गांठ है। नियमों के तहत यदि भूमि आबंटन की जांच की जाए तो सारा मामला सामने आ सकता है। साथ ही उक्त निर्माणकर्ता नियमों को ताक पर रखकर इन्हीं अधिकारियों के दम पर वन क्षेत्र में बेखौफ होकर निर्माण कार्य को अंजाम दे रहे हैं।
बताया जा रहा है कि सूरजकुंड मेले के लिए लगनी वाली पार्किंग एवं एनआईटी गोल्फ क्लब में इसी ठेकेदार को मैरिज गार्डन बनाने के लिए लीज पर सरकारी जमीन उपलब्ध करवाई गई है। उपरोक्त दोनों स्थानों पर मैरिज गार्डन का निर्माण किया जा रहा है। आपको बता दें कि एनआईटी गोल्फ क्लब में भी अवैध रूप से निर्माण किया जा रहा था जिस पर नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए बड़े स्तर पर तोडफ़ोड़ की थी और पूरा का पूरा ढांचा तोड़ दिया गया था। अब यही निर्माणकर्ता सूरजकुंड रोड पर अवैध निर्माण कर रहे हैं।
इस संदर्भ में जब हरियाणा पर्यटन विभाग के अधिकारी राजेश जून से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह हैरिटेज हट्स रिजोर्ट् सूरजकुंड की जमीन है, इसके बारे में एडीएम राजपाल जानकारी देंगे।
वहीं एडीएम राजपाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हरियाणा पर्यटन विभाग ने एक व्यक्ति के साथ करार किया है जिसमें यह तय हुआ है कि वह उन्हें इस जमीन पर यह टैम्पेरिरी स्ट्रक्चर तैयार करके देगा, उसके बदले उसे हरियाणा पर्यटन विभाग हर बुकिंग राशि में से 61000 रुपए उसे देगी। शेष राशि पर्यटन विभाग की होगी। इसके अलावा जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने यह टैम्पेरिरी स्ट्रक्चर तैयार करने की किसी विभाग से अनुमति ली है तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में अधिक ज्ञान नहीं है, इस बारे में जानकारी राजेश जून देंगे।
इसके बाद पुन: पर्यटन अधिकारी राजेश जून से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
नगर निगम से इस संदर्भ में जानकारी लेने के लिए जब नगर निगम कमिश्रर अनीता यादव को फोन किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। कई बार फोन मिलाने के पश्चात भी उन्होंने फोन का कोई रिस्पोंस नहीं दिया।
फिर नगर निगम ज्वाईंट कमिश्रर प्रशांत को कॉल किया गया तो उन्होंने भी कॉल का कोई उत्तर नहीं दिया।
इसके बाद नगर निगम एक्सईन ओमबीर सिंह से बात की गई। उन्होंने बताया कि इस प्रकार का स्ट्रक्चर तैयार करने के लिए नगर निगम से अनुमति लेना अनिवार्य होता है। नगर निगम ने अभी तक वहां कोई भी निर्माण कार्य करने के लिए अनुमति नहीं दी है।
जिला वन विभाग अधिकारी सुरेश पुनिया से जब इस संदर्भ में जब बात की गई तो वह बात को न समझने की कोशिश करते हुए सिर्फ यही कहते रहे कि वह नए हैं, इसलिए उन्हें जगह के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। फोटो के आधार पर ही वह जानकारी देंगे और जब उन्हें उक्त जगह के निर्माण वाली फोटो भेजी गई तो उन्होंने उसके बाद फोन नहीं उठाया।