Star khabre, National; 3rd March : प्रयागराज में संपन्न हुए महाकुंभ 2025 ने न केवल आस्था और अध्यात्म का सबसे बड़ा संगम प्रस्तुत किया, बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी जबरदस्त लाभ पहुंचाया। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस ऐतिहासिक आयोजन में करीब 65 करोड़ श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जिससे पर्यटन, होटल, परिवहन और अन्य क्षेत्रों में भारी वृद्धि दर्ज की गई। राज्य सरकार ने महाकुंभ के आयोजन पर लगभग 7,500 करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन इसके बदले में प्रदेश को 3.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक लाभ हुआ।
60 लाख से अधिक लोगों को मिला रोजगार
उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने इस आयोजन को केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के कारण 60 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला। होटल, ट्रांसपोर्ट, पर्यटन, दुकानदारों, गाइड्स और अन्य सेवाओं से जुड़े लोगों की आय में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई।
सनातन संस्कृति पर उठते सवालों पर मंत्री का पलटवार
मंत्री अनिल राजभर ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दलों को सनातन संस्कृति का वैभव स्वीकार नहीं है। उन्होंने कहा, “सनातन भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ताकत है, जिसे अब पूरी दुनिया स्वीकार कर रही है। लेकिन कुछ लोग महाकुंभ जैसे आयोजनों से दूरी बनाए रखते हैं और जब जाते भी हैं तो अंधेरे में डुबकी लगाते हैं। ऐसे लोगों से क्या उम्मीद की जाए?”
काशी, अयोध्या और महाकुंभ पर सवाल उठाने वालों को जवाब
अनिल राजभर ने स्पष्ट किया कि सरकार सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हमेशा तत्पर रहेगी। उन्होंने कहा कि जो लोग काशी, अयोध्या और महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों को लेकर सवाल उठाते हैं, वे जनभावना को नहीं समझते।
यूपी की अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा
महाकुंभ से होने वाले अर्थिक लाभ के आंकड़े बताते हैं कि यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में मददगार साबित हुआ है। इससे पर्यटन उद्योग को जबरदस्त बढ़ावा मिला, जिससे होटल व्यवसाय, लोकल मार्केट, परिवहन सेवा और अन्य क्षेत्रों में बड़ा आर्थिक प्रभाव पड़ा।
महाकुंभ 2025: एक ऐतिहासिक आयोजन
महाकुंभ 2025 ने यह साबित कर दिया कि आस्था और अर्थव्यवस्था एक साथ चल सकते हैं। इस आयोजन ने न केवल लाखों लोगों की आस्था को मजबूती दी, बल्कि प्रदेश के राजस्व और रोजगार में भी अभूतपूर्व वृद्धि की।