गृह मंत्रालय के आदेशानुसार प्रत्येक महीने के प्रथम बुधवार को साइबर जागरूकता दिवस मनाया जाता है जिसके तहत प्रत्येक जिले की साइबर टीम नागरिकों को साइबर ठगी की वारदातों से बचने के उपायों के बारे में जागरूक करती है। पुलिस उपायुक्त नीतीश कुमार अग्रवाल के निर्देशानुसार इसी के तहत आज साइबर थाना एनआईटी प्रभारी इंस्पेक्टर बसंत ने रेडियो मानव रचना के माध्यम से नागरिकों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करते हुए अहम जानकारी प्रदान की।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर बसंत व एसआई सतवीर आज आरजे भावना के साथ रेडियो मानव रचना स्टूडियो में मौजूद थे। नागरिकों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करते हुए इंस्पेक्टर बसंत ने बताया कि आजकल के डिजिटल युग में साइबर ठग धोखाधड़ी करने के नए-नए तरीके ढूंढते रहते हैं और भोले-भाले लोग इनके झांसे में आकर अपने खून पसीने की सारी कमाई इन्हें दे बैठते हैं। उन्होंने बताया कि साइबर ठगी करने के अनेकों तरीके हो सकते हैं जिसमें साइबर ठग विभिन्न प्रकार के लालच या स्कीम देकर साइबर अपराध करने की कोशिश करते हैं जिसमें मुख्यतः लोन, क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़वाना, बीमा पॉलिसी अपडेट, केवाईसी, आधार कार्ड अपडेट तथा लॉटरी इत्यादि शामिल है। उन्होंने बताया कि ठगी के बहुत सारे तरीके हो सकते हैं लेकिन यह साइबर ठग विभिन्न तरीकों से आपसे कुछ गिनी चुनी जानकारी ही एकत्रित करना चाहते हैं जिसमें आपका बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड या एटीएम कार्ड नंबर, सीवीवी कोड, एक्सपायरी डेट, ओटीपी, आधार कार्ड नंबर इत्यादि शामिल है। साइबर ठग किसी भी तरीके से आप से उक्त जानकारी निकालने की कोशिश करते हैं और यदि किसी व्यक्ति को इसके बारे में जागरूकता नहीं है तो वह यह जानकारी साइबर ठगों को दे देते हैं जिससे उनके खाते में रखी सारी रकम साइबर ठगों द्वारा साफ कर दी जाती है इसीलिए इससे बचने का सबसे आसान तरीका है कि अपने अकाउंट संबंधित कोई भी जानकारी न ही किसी को फोन पर दें और ना ही किसी के फोन करने पर किसी भी वेबसाइट पर डालें। थाना प्रभारी ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति के साथ साइबर अपराध घटित हो जाता है तो वह इसकी जानकारी तुरंत 1930 तथा 112 पर दें। फोन करने के मात्र 5 मिनट के अंदर उस अकाउंट को फ्रीज कर दिया जाता है जिसमें साइबर ठगों ने पैसे ट्रांसफर किए होते हैं परंतु इसका फायदा तभी है यदि पीड़ित इसकी सूचना साइबर अपराध घटित होने के मात्र कुछ मिनटों में ही साइबर हेल्प लाइन नंबर पर दें क्योंकि साइबर अपराधी पैसा अपने खातों में प्राप्त होने के पश्चात उसे तुरंत दूसरे खातों में भेजने या एटीएम से निकलवाने की कोशिश करते हैं। यदि उनके पैसे निकलवाने के पहले पहले साइबर हेल्प लाइन को सूचित कर दिया जाता है तो साइबर अपराधियों का खाता फ्रीज कर दिया जाता है और वह साइबर अपराधी ठगी द्वारा प्राप्त की गई राशि को निकाल नहीं सकते। इसी के साथ ही साइबर थाना प्रभारी ने नागरिकों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करते हुए कार्यक्रम का समापन किया जिसपर आरजे भावना ने थाना प्रभारी द्वारा नागरिकों को साइबर अपराध के प्रति जागरूक करने की इस कोशिश के लिए उनका तहे दिल से धन्यवाद किया।