Star khabre, Faridabad; 19th March : फरीदाबाद, पलवल और नूंह जिलों में राष्ट्रीय राजमार्गों पर जलभराव व संबंधित विकास मुद्दों को लेकर मंडल आयुक्त संजय जून की अध्यक्षता में लघु सचिवालय स्थित सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान जिला उपायुक्त (डीसी) विक्रम सिंह ने बैठक में स्पष्ट किया कि सरकार के निर्देश अनुसार जनता के हितों का अधिकारी ध्यान रखें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अधिकारी जलभराव से निपटने के लिए अपने स्तर पर सभी जरूरी रिपोर्ट तैयार करें। ग्राउंड पर आने वाली परेशानी का सर्वे सरपंचों की मौजूदगी में करें। इससे अधिकारी स्पष्ट रूप से संबंधित समस्या को समझ सकेंगे। इसके बाद ही संबंधित अधिकारी विभागीय रिपोर्ट पेश करें।
बैठक में मंडलायुक्त ने स्पष्ट किया कि संबंधित क्षेत्रों में बरसात के दिनों में यातायात सुविधा सुचारू रखने के लिए जल भराव जैसी समस्या नहीं होनी चाहिए। फरीदाबाद सहित पलवल और नूंह में राष्ट्रीय राजमार्गों के संदर्भ में तीनों जिला के उपायुक्त व विभागीय अधिकारियों और ग्राम सरपंचों के साथ मंडलायुक्त ने बैठक कर ग्राउंड रिपोर्ट ली। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि फरीदाबाद, पलवल और नूंह में राष्ट्रीय राजमार्गों डीएनडी, केएमपी और दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे पर बने अंडरपास में समय रहते जलभराव की संभावना वाले क्षेत्रों की पहचान कर पूर्वानुमानित उपाय लागू करना आवश्यक है। सभी विभाग आपसी तालमेल बनाकर जहां-जहां बरसाती पानी जमा होता है उन जगहों का निरीक्षण करें। इससे नियमानुसार पानी निकासी के लिए जो भी इंतजाम हो सके उनको जल्द से जल्द पूरा करे। अंडरपास की नियमित जांच और समय पर मरम्मत से संरचनात्मक समस्याओं को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि अंडरपास में होने वाले जलभराव की निकासी के लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे पानी तेजी से बाहर निकल सके। भारी बारिश के दौरान तुरंत जल निकासी के लिए मोटर पंप लगाए जाएं। इसके अलावा जल निकासी के लिए बनाए गए नाले की नियमित सफाई कराना सुनिश्चित करें ताकि सिल्ट जमा न हो। इससे कचरा और मिट्टी जल प्रवाह को बाधित नहीं करेगा।
डीसी विक्रम सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर बने अंडरपास में जलभराव एक गंभीर समस्या है, जिसे प्रभावी जल निकासी प्रणाली, आधुनिक तकनीक, जल पुनर्चक्रण और नियमित निरीक्षण के माध्यम से हल किया जा सकता है। समय-समय पर सम्बंधित विभाग आपसी तालमेल कर जलभराव वाले स्थानों का निरीक्षण कर जलभराव को रोकने का उचित इंतजाम करे।
बैठक में नूंह डीसी विश्राम कुमार मीणा, पलवल एडीसी अखिल पिलानी, फरीदाबाद के एडीसी साहिल गुप्ता, एसडीएम फरीदाबाद शिखा, एसडीएम बल्लभगढ़ मयंक भारद्वाज, सीटीएम अंकित कुमार सहित जिला फरीदाबाद, पलवल और नूंह के सरपंच मौजूद रहे।
ड्रेन के नेचुरल फ्लो व लिंक रोड के मुद्दे पर लें संज्ञान
मंडल आयुक्त संजय जून व डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि सिंचाई विभाग के अधिकारी ड्रेन के नेचुरल फ्लो की जांच करें। इसी तरह एनएचएआई के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि हाईवे के साथ लिंक रोड विकल्प देखें। फील्ड विजिट में यह भी सुनिश्चित करें कि संबंधित गांव के सरपंच भी फील्ड विजिट के दौरान मौजूद रहें। जिला उपायुक्त विक्रम सिंह ने कहा कि ऐसे गांव जहां से हाईवे निकले हैं वहां के ग्रामीणों की सुविधा के लिए सब्सिडी आधारित मासिक टोल पास नियमानुसार बनाए जाने चाहिए। इसी तरह से सिंचाई विभाग के अधिकारियों को संबंधित मुद्दों को टेक-अप कर समाधान निकालने के निर्देश दिए। डीसी ने कहा कि दिल्ली-मुंबई व जेवर एक्सप्रेस-वे से जुड़े एरिया में ड्रेनेज कनेक्टिविटी का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। यहां पानी के वाष्पीकरण का प्रबंधन भी तकनीकी रूप से किया जा सकता है। इसके लिए सोलर व स्प्रिंकल्प जैसे आधुनिक सिस्टम के प्रयोग पर ध्यान दिया जा सकता है। पलवल जिले से संबंधित इसी तरह के 11 बिंदु और नूंह के खेड़ा खेलीपुर-हसनपुर गांव के अलावा डीएनडी-वडोदरा एक्सप्रेस-वे व केजीपी के इंटरचेंज पर जलभराव संबंधी मुद्दे पर चर्चा की गई।