Star Khabre, Faridabad; 05th January : सिद्धपीठ श्री हनुमान मंदिर पर प्रशासक नियुक्त हुए तीन माह लगभग पूरे होने को हैं परन्तु आज तक मंदिर प्रशासक गौरव अंतिल राजेश भाटिया से मंदिर का पूरा चार्ज भी नहीं ले पाए हैं। अब इसे प्रशासक की नाकामयाबी कहें या लचीलापन। यह तो प्रशासक ही बता सकते हैं। मजेदार बात तो यह है कि मंदिर में प्रशासक नियुक्त हुए तीन माह बीत चुके हैं लेकिन राजेश भाटिया आज भी अपने आप को मंदिर का प्रधान लिख रहे हैं लेकिन उसके बावजूद मंदिर प्रशासक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। अब एक बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर मंदिर प्रशासक गौरव अंतिल राजेश भाटिया के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे। क्या यह राजेश भाटिया का डर है या फिर मिलीभगत का कोई संकेत।
ध्यान हो कि श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर पर चल रहे विवाद केस में 12 अक्टूबर को मंदिर में प्रशासक नियुक्त होने के आदेश पारित कर दिए गए थे और 14 अक्टूबर को सिटी मजिस्ट्रेट गौरव अंतिल ने बतौर मंदिर प्रशासक मंदिर में कार्यभार भी संभाल लिया लेकिन 14 अक्टूबर से आज तक गौरव अंतिल राजेश भाटिया से मंदिर के बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं कर पाए हैं। न तो मंदिर के आय व्यय का उनके पास कोई हिसाब है और न ही मंदिर की कितनी शाखाएं है, मंदिर की क्या संपति है, इस बारे में कोई जानकारी। राजेश भाटिया से अभी तक उन्हें कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है।
मंदिर में कार्यभार संभालते ही प्रशासक ने राजेश भाटिया व जोगेन्द्र चावला दोनों को मंदिर से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए पत्राचार किया था लेकिन राजेश भाटिया ने उनके पत्राचार का कोई जबाव नहीं दिया। हालाकि दूसरे पक्ष यानि जोगेन्द्र चावला ने प्रशासक द्वारा दिए गए पत्र के जबाव में मंदिर से संबंधित संपति व जो भी ब्यौरा उनके पास था, समय रहते प्रशासक को दे दिया है जिसमें उन्होंने साफ तौर पर स्पष्ट किया है कि मंदिर की तीन शाखाएं हैं जिसमें से पहली मुख्य शाखा में ही स्कूल संचालित है। जबकि दूसरी सेक्टर-23 में है और तीसरी शाखा एनआईटी तीन नंबर में स्थित है। मुख्य शाखा में चल रहा स्कूल मंदिर द्वारा संचालित जा रहा है। जबकि 400 गज में बनी सेक्टर-23 मंदिर की ब्रांच में 12 कमरे बने हुए हैं जबकि 235 गज एनआईटी तीन नंबर मंदिर की ब्रांच में मंदिर बना हुआ है।
स्टार खबरें ने अपनी एक खबर के माध्यम से यह बताया था कि सेक्टर-23 स्थित मंदिर की शाखा को किराए पर देने के लिए किसी व्यक्ति ने बिना किसी हक अधिकार के वहां स्कूल संचालक के साथ स्कूल खोलने के लिए एक एग्रीमेंट किया था। हालांकि स्टार खबरें में खबर लगने के बाद स्कूल संचालक ने अब स्कूल खोलने की कार्रवाई को रोक दिया है। अब प्रश्र यह उठता है कि आखिर इस इमारत के लिए स्कूल संचालक के साथ किसने एग्रीमेंट किया और प्रशासक ने उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की। इसके अलावा मंदिर की दुकानों को किराये पर देने का मामला भी सामने आया था जिसमें रजिस्ट्रार ने स्टे जारी किया था, उसके बावजूद दुकानों को किराये पर दे दिया गया।
राजेश भाटिया के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर
मंदिर में नियुक्त प्रशासक गौरव अंतिल से जब इस संदर्भ में बात की गई तो उन्होंने बताया कि राजेश भाटिया ने उन्हें अभी तक मंदिर से संबंधित कोई चार्ज नहीं दिया है। राजेश भाटिया के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्होंने पुलिस कमिश्रर को पत्राचार से माध्यम से एफआईआर दर्ज करने को कहा है लेकिन अभी तक एफआईआर दर्ज की गई या नहीं इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि पत्राचार किए 10 दिन हो चुके हैं।
वहीं पुलिस कमिश्रर सुभाष यादव से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से उन्हें राजेश भाटिया के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र मिला है लेकिन अभी तक राजेश भाटिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।