Shikha Raghav (Star Khabre), Faridabad; 24th October : सीएम फ्लाईंग और निगम अधिकारी अवैध निर्माणों के नाम पर मिलकर गोरखधंधा कर कर रहे हैं? हालांकि इसके कोई पुख्ता सबूत तो नहीं हैं लेकिन कुछ बातें इस ओर जरूर इशारा कर रही है। अवैध निर्माणों को लेकर निगम अधिकारियों से लेकर सीएम फ्लाईंग ने पिक एंड चूज की नीति अपनाई हुई है। इसमें सीएम फ्लाईंग अधिकारी तो यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं कि उनके पास जो शिकायत आती है, वह बस उसी पर काम करते हैं लेकिन शिकायतों को लेकर चल रहे खेल के पीछ़े अब चर्चा होनी शुरू हो गई है। इसी तरह निगम अधिकारियों द्वारा अवैध निर्माण पर की जाने वाली कार्रवाई पर भी प्रश्रचिंह लग रहे हैं।
एक ही गली में चल रहे तीन-चार अवैध निर्माणों में से निगम अधिकारी या सीएम फ्लाईंग बस एकमात्र अवैध निर्माणकर्ता पर कार्रवाई करते हैं। जबकि वहीं चंद कदमों की दूरी पर चल रहे अवैध निर्माण उन्हें दिखाई नहीं देते। सूत्र कहते हैं कि निगम अधिकारी और सीएम फ्लाईंग एक अवैध निर्माणकर्ता पर कार्रवाई कर शेष अवैध निर्माणकर्ताओं को कार्रवाई का डर दिखा उनसे सेटिंग कर रहे हैं और मोटी रकम वसूल रहे हैं।
कैसे करते हैं गोरखधंधा
सबसे पहले निगम अधिकारियों की बात करें तो उन्हें शहर में चल रहे सभी अवैध निर्माणों की जानकारी होती है। सूत्रों के अनुसार अवैध निर्माणकर्ताओं में वह सबसे पहले ऐसे लोग तलाशते हैं, जो उनका शिकार बन सकते हैं। अर्थात जहां से उनकी सेटिंग हो सकती है। इसके साथ ही वह ऐसे अवैध निर्माण की भी तलाश करते हैं, जहां से उन्हें पता होता है कि उनकी कमाई नहीं होनी। जहां से उन्हें कुछ नहीं मिलना होता, वह वहां कार्रवाई कर विभाग को अपनी इमानदारी का सबूत दे देते हैं और जहां से उनकी सेटिंग हो जाती है, वहां वह ले-देकर अवैध निर्माणों को बनने देते हैं।
अब सीएम फ्लाईंग की बात करें तो सीएम फ्लाईंग अधिकारी अपने उच्चाधिकारियों से आई अवैध निर्माणों की शिकायत पर कार्रवाई करते हैं लेकिन शिकायतकर्ता को वह शिकायत नहीं दिखाते कि शिकायत किसने की है और किसके पास की है। इसलिए यह नहीं पता चल पाता कि हकीकत में शिकायत हुई भी है या नहीं। यहां यदि सूत्रों की माने तो सीएम फ्लाईंग के लिए भी काम करने वाला एक गुट तैयार हो गया है, जोकि सीएम फ्लाईंग के अधिकारियों को अवैध निर्माण के बारे में जानकारी देते हैं। उसके बाद सीएम फ्लाईंग के सदस्य शिकायत का नाम लेकर निर्माणकर्ता से बातचीत करते हैं और सेटिंग कर अवैध निर्माण पर कोई कार्रवाई नहीं करते। आपको बता दें कि इसके पुख्ता सबूत तो नहीं है लेकिन बाजार में चर्चा यह है कि सीएम फ्लाईंग के नाम पर भी अधिकारी वही गोरखधंधा कर रहे हैं जो नगर निगम तोडफ़ोड़ विभाग के अधिकारी कर रहे हैं।
एनआईटी 2ई/51 पर नगर निगम अधिकारियों ने अवैध निर्माण के कारण एफआईआर दर्ज करवा दी। जबकि वहीं चंद कदमों की दूरी पर चल रहे दो अवैध निर्माण बदस्तूर जारी है। यहां आपको बता दें कि 2ई/51 में अवैध निर्माण के नाम पर गाउंड फ्लोर पर रेनोवेट करते हुए लेंटर डाला है। जबकि चंद कदम दूरी पर 2ई/46 और उसके ठीक पीछे 2सी/59 में बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और फस्र्ट फ्लोर अवैध निर्माण बदस्तूर जारी है लेकिन सीएम फ्लाईंग और निगम अधिकारी दोनो आंखे मूंदे बैठे हैं।
मकान किसी के नाम, एफआईआर किसी और के नाम
नगर निगम अधिकारी आंखे मूंद कर काम करते हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नगर निगम अधिकारी कार्रवाई करने से पहले अपने कागजात भी पूरी तरह से चैक नहीं करते। एनआईटी 2ई/51 पर एफआईआर दर्ज करवाने से पहले निगम अधिकारियों ने बिना अपने कागजात चैक किए एफआईआर एक ऐसे शख्स के नाम करवा दी जो मकान का मालिक भी नहीं है। इतना ही नहीं पुलिस ने भी बिना जांच किए एफआईआर दर्ज कर दी। एनआईटी 2ई/51 तीतर लाल भाटिया के नाम हैं जबकि पुलिस ने निगम अधिकारियों की शिकायत पर उनके बेटे पंकज भाटिया के नाम एफआईआर दर्ज कर दी है।
क्या कहते हैं नगर निगम तोडफ़ोड़ विभाग के एसडीओ
एसडीओ ओपी मोर से बात की तो उन्होंने कहा कि एफआईआर बेटे के नाम क्यूं है, इसके बारे में जेई से बात करें। इसके अलावा शहर में चल रहे शेष अवैध निर्माणो के बारे में उन्होंने कहा कि पता करवा लेंगे और फिर कार्रवाई करेंगे।
नोट : अगली कड़ी में पढ़े प्रशासन की ठीक नाक के नीचे चल रहे अवैध निर्माणों की कहानी।
अवैध निर्माणों पर जहां एक तरफ निगमायुक्त सख्त कार्रवाई करने का दावा कर रहे हैं, वहीं एसडीएम कार्यालय के ठीक सामने हो रहा अवैध निर्माण प्रशासन को दिखाई नहीं दे रहा।