Star Khabre, Faridabad; 22nd November : नगर निगम द्वारा व्यापारियों को सभी औपचारिकताएं पूरी करने के उपरांत भी कॉमर्शियल लाईसेंस न दिए जाने के मामले को लेकर आज भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल के जिलाध्यक्ष रामजुनेजा के नेतृत्व में व्यापारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने निगमायुक्त श्रीमती सोनल गोयल से मुलाकात की व उन्हें ज्ञापन सौंपकर इस मामले में हस्तक्षेप करके व्यापारियों को लाईसेंस दिए जाने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल में एक नंबर, दो नंबर, पांच नंबर, जवाहर कालोनी, डबुआ कालोनी सहित अनेकों व्यापारिक संगठन के प्रतिनिधि मौजूद थे।
ज्ञापन के माध्यम से व्यापारी नेता रामजुनेजा ने बताया कि वर्ष 2011 में नगर निगम ने व्यापारिक प्रतिष्ठानों को कॉमर्शियल (सीएलयू)करने हेतु पॉलिसी लागू की थी, जिसके तहत करीब 686 व्यापारियों ने नगर निगम की सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए कॉमर्शियल लाईसेंस के लिए बकायदा पर्ची भी कटवाई थी। इस दौरान नगर निगम ने केवल 26 व्यापारियों को कॉमर्शियल लाईसेंस जारी किए, जबकि करीब 660 व्यापारियों को लाईसेंस नहीं दिए गए। इस बाबत जब व्यापारियों ने नगर निगम अधिकारियों से मिलकर अपनी बात रखी तो उन्होंने कहा कि कॉमर्शियल लाईसेंस सरकार द्वारा जारी नहीं किए जा रहे है। रामजुनेजा ने बताया कि पिछले दिनों पवन गुप्ता नामक एक व्यापारी को एक 1200 वर्ग गज के प्लाट का निगम ने कॉमर्शियल लाईसेंस जारी किया है और करीब 22 कॉमर्शियल लाईसेंस की फाईलें लाईन में लगी हुई है, ऐसे में उन 660 व्यापारियों का क्या दोष है, जिन्होंने सभी औपचारिकताएं पूरी करके कॉमर्शियल लाईसेंस के लिए निगम में आवेदन किया था। श्री जुनेजा ने कहा कि निगमायुक्त से कहा कि अगर सरकार चाहे तो व्यापारी 500-1000 के नोट सीएलयू फीस की एवज में 31 दिसंबर तक नगर निगम को जमा करवा सकते है, इससे जहां व्यापारियों को लाईसेंस मिल जाएंगे वहीं नगर निगम के खजाने में भी राजस्व की बढ़ोतरी होगी। उन्होंने निगमायुक्त से मांग की कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इसमें हस्तक्षेप करके व्यापारियों की समस्या का समाधान करवाने का प्रयास करें। निगमायुक्त श्रीमती सोनल गोयल ने रामजुनेजा व व्यापारियों से एक सप्ताह का समय मांगते हुए कहा कि वह इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से बात करेंगी और व्यापारियों को हरंसभव राहत प्रदान करने का प्रयास करेंगी। इस अवसर पर विनोद कुमार, आनंद कुमार, ओपी विज, नेमचंद गर्ग, महेंद्र अदलक्खा, लालचंद जिंदल आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।