Star khabre, Chandigarh; 27th January : चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर के चुनाव की वीडियोग्राफी होगी। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज इस दौरान स्वतंत्र ऑब्जर्वर के तौर पर यहां मौजूद रहेंगे। सोमवार (27 जनवरी) को इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मेयर के कार्यकाल में हाईकोर्ट के आदेश लागू रहेंगे। AAP ने इस मामले में मांग की थी कि जिस दिन से पिछले मेयर ने कुर्सी संभाली, तभी से उनका एक साल माना जाए। हालांकि हाईकोर्ट ने 30 जनवरी को चुनाव कराने के आदेश दिए हैं। एडवोकेट फैरी सोफत ने इसकी पुष्टि की।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एनके सिंह की बैंच ने इसकी सुनवाई की। उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन से जवाब मांगा था कि क्या वोटिंग के लिए निष्पक्ष और स्वतंत्र तौर पर कराने के लिए ऑब्जर्वर की नियुक्ति की जा सकती है। कोर्ट ने मौजूदा मेयर कुलदीप कुमार की पार्षदों को वोटिंग के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष विकल्प मिलने की चिंता जाहिर की थी। कुलदीप ने हाथ खड़े करवाकर वोटिंग की मांग की थी।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि मेयर चुनाव के लिए रिटायर्ड जज की नियुक्ति के लिए नोटिस जारी करें। चुनाव प्रक्रिया की देखरेख वही करेंगे। इस दौरान चुनाव की प्रक्रिया जारी रहेगी।
कांग्रेस पार्षद रावत ने भाजपा जॉइन की
इसी बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस पार्षद गुरबख्श रावत ने सोमवार को BJP जॉइन कर ली। उन्होंने भाजपा के दफ्तर पहुंचकर पार्टी जॉइन की। वह 27 नंबर वार्ड से कांग्रेस की पार्षद है। गुरबख्श रावत के बीजेपी में शामिल होने के समय प्रधान जोगिंद्र मल्होत्रा, बीजेपी के सीनियर नेता संजय टंडन, मेयर पद की उम्मीदवार हरप्रीत कौर बबला भी हाजिर थी।
यह मामला इसलिए अहम है क्योंकि पिछली बार चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने वोटों में गड़बड़ी कर AAP और कांग्रेस गठबंधन के पार्षद ज्यादा होने के बावजूद भाजपा का मेयर बना दिया। जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और दोबारा वोटों की गिनती में AAP के उम्मीदवार कुलदीप काला मेयर चुन लिए गए।
इसके बाद अब भाजपा 16 पार्षदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। वहीं कांग्रेस के पास सांसद मनीष तिवारी समेत 7 वोट और AAP के पास 13 पार्षद हैं। इस उठापटक के बावजूद अभी कांग्रेस-AAP का ही बहुमत है।
पिछले मेयर इलेक्शन में चुनाव अधिकारी की गड़बड़ी से BJP जीती
इससे पहले 2023 में मेयर का चुनाव हुआ था। तब AAP–कांग्रेस को बहुमत था। तब चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने गड़बड़ी करते हुए AAP–कांग्रेस के 8 पार्षदों के वोट इनवैलिड करार दे दिए थे। जिससे 20 पार्षद होने के बावजूद AAP के मेयर उम्मीदवार कुलदीप कुमार चुनाव हार गए। फिर भाजपा के 13 पार्षद, सांसद और अकाली दल के वोट को मिलाकर 15 वोट पाने वाले भाजपा के मनोज सोनकर को विजेता करार दे दिया।
इसके खिलाफ AAP सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। कोर्ट ने चुनाव के वक्त की CCTV फुटेज देखी तो चुनाव अधिकारी अनिल मसीह AAP–कांग्रेस के पार्षदों के वोट पर निशान लगाते मिले। कोर्ट ने माना कि मसीह ने जानबूझकर वोट खराब किए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा मतगणना के लिए कहा, जिसमें इनवैलिड करार वोटों की गिनती के भी आदेश दिए। इसके बाद AAP के कुलदीप कुमार मेयर बन गए।
निगम में सबसे बड़ी पार्टी बनी थी AAP
चंडीगढ़ निगम के लिए दिसंबर 2021 में चुनाव हुए थे। आम आदमी पार्टी ने पहली बार चुनाव लड़ा और 35 वार्ड वाले चंडीगढ़ नगर निगम में 14 वार्ड जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी। दूसरे नंबर पर 13 सीटों के साथ भाजपा थी। कांग्रेस ने 7 और एक सीट अकाली दल ने जीती थी। हालांकि बाद में एक AAP पार्षद ने पार्टी बदल ली थी।
चंडीगढ़ में पहला चुनाव जीता था INDIA ब्लॉक
इसी दौरान कांग्रेस ने BJP विरोधी दलों के साथ मिलकर INDIA ब्लॉक बनाया था। यहां जब मेयर चुनाव की बारी आई तो 14 पार्षद वाली AAP और 7 पार्षद वाली कांग्रेस साथ आ गए। इसमें तय हुआ कि मेयर आम आदमी पार्टी का बनेगा जबकि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर कांग्रेस का बनेगा। भाजपा के पास 13 ही पार्षद थे, उनके पास सांसद का भी एक वोट था लेकिन आप कांग्रेस के 20 के मुकाबले 14 वोट होने से वह मेयर चुनाव से बाहर हो गए थे।
मेयर इलेक्शन में चुनाव अधिकारी की गड़बड़ी से भाजपा जीती
इसके बाद 2023 में मेयर का चुनाव हुआ। इसमें सीधे तौर पर आप–कांग्रेस का बहुमत था। मगर, चुनाव अधिकारी लगाए नॉमिनेटेड पार्षद अनिल मसीह ने गड़बड़ी कर दी। वोटिंग हुई तो मसीह ने आप–कांग्रेस के 8 पार्षदों के वोट इनवैलिड करार दे दिए। जिससे AAP के मेयर उम्मीदवार कुलदीप कुमार चुनाव हार गए। फिर भाजपा के 13 पार्षद, सांसद और अकाली दल के वोट को मिलाकर 16 वोट पाने वाले भाजपा के मनोज सोनकर को विजेता करार दे दिया।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, तब AAP का मेयर बना
इसके खिलाफ AAP सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के वक्त की सीसीटीवी फुटेज देखी तो चुनाव अधिकारी अनिल मसीह आप–कांग्रेस के पार्षदों के वोट पर निशान लगाते मिले। कोर्ट ने माना कि मसीह ने जानबूझकर वोट खराब किए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा मतगणना के लिए कहा, जिसमें इनवैलिड करार वोटों की गिनती के भी आदेश दिए। इसके बाद AAP के कुलदीप कुमार मेयर बन गए।
चंडीगढ़ में हर साल होता है मेयर चुनाव
चंडीगढ़ नगर निगम में पार्षदों का चुनाव तो 5 साल के लिए होता है लेकिन मेयर हर साल चुनाव जाता है। इनके साथ सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का भी चुनाव होता है। 5 साल के लिए मेयर पद का रिजर्वेशन भी तय है।
पहले साल जनरल, दूसरे साल महिला, तीसरे साल ओबीसी, चौथे साल महिला और पांचवें साल सामान्य उम्मीदवार के लिए मेयर सीट रिजर्व रखी जाती है। इस बार यहां महिला मेयर बनेगी। हालांकि किसी दल ने अभी तक उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। लेकिन भाजपा से हरप्रीत कौर, AAP से प्रेम लता के नाम की चर्चा है। AAP की 6 महिला पार्षदों ने अपनी दावेदारी पेश की है।
News Source : DainikBhaskar