Star khabre, Faridabad; 23rd February : 38 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेला के अंतिम दिन यानी रविवार को कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोह लिया। जब माही वे तेरे वेखन नूं चक चरखा गली दे विच डांवा..मीठे-मीठे पंजाबी व हिंदी गीतों से गायिका सुषमा शर्मा ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, जिन्हें सुनकर श्रोताओं के पांव सहज ही थिरकने लगे। कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के कलाकारों ने छोटी चौपाल पर दर्शकों का जी भरकर मनोरंजन किया। वहीं मूल रूप से झज्जर निवासी व दुबई में रहने वाली करूणा राठौर टीना ने सांस्कृतिक मंच से अपने नृत्य के माध्यम से देशभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम की बेहतरीन प्रस्तुति दी।
पंचकुला से आई गायिका सुषमा शर्मा ने प्रसिद्ध हरियाणवी गीत मेरे सिर पै बंटा टोकणी, मेरे हाथ मै नेजूं डोल, मैं पतली सी कामणी सुनाया तो लड़कियां अपनी सीट से उठकर उनके साथ नाचने लगीं। कजरा मोहब्बत वाला, अंखियों में ऐसा डाला, कजरे ने ले ली मेरी जान, हाय रे मैं तेरे कुर्बान.. गीत को भी श्रोताओं ने बहुत पसंद किया। सुरमेदानी वरगा है मेरा माही..पंजाबी गीत की मधुर प्रस्तुति सुनकर श्रोताओं का मन झूम उठा। महाकुंभ पर उनके गाए गीत बारह बरस के बाद हमारा पावन मेला आया है, गंगा किनारे डुबकी लगाकर जय-जय घोष लगाया है..हर-हर गंगे को भी श्रोताओं ने तालियां बजाते हुए सुना।
छोटी चौपाल पर रिचा चौहान व उनके ग्रुप का हरियाणवी लोकनृत्य देखने लायक था। लोक गायक वेद प्रकाश व उनके साथियों की सांग प्रस्तुति काफी सराही गई। यहां हरपाल नाथ की पार्टी ने बीन वादन, ढोल व तूंबा बजाकर मस्त धुनों से श्रोताओं का दिल जीत लिया। निर्भय शंकर ने गिटार वादन से दर्शकों का मनोरंजन किया। प्रेम देहाती ने पुरानी तर्जों पर आधारित हरियाणवी रागनी सुनाकर लोक संस्कृति की छाप छोड़ी। सूरजकुंड मेले में छोटी चौपाल का मंच श्रोताओं को दिन भर अपने साथ बांधने में कामयाब रहा।
हरियाणवी लोक संस्कृति की झलक प्रस्तुत कर रही है छोटी चौपाल
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