Star khabre, Haryana; 7th September : हरियाणा में BJP के बाद कांग्रेस में भी टिकट बंटते विरोध और बगावत शुरू हो गई है। बहादुरगढ़ विधानसभा में 3 बार के MLA चाचा राजेंद्र जून की टिकट को लेकर कांग्रेस के पार्टी डेलिगेट भतीजे ने मोर्चा खोल दिया है। डेलिगेट राजेश जून ने टिकट बंटवारे के विरोध में पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस विधायक के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया है।
राजेश जून ने समर्थकों की मीटिंग में ऐलान करते हुए कहा कि मेरे साथ कांग्रेस नेतृत्व ने धोखा किया है। कांग्रेस उम्मीदवार से डबल वोट लेकर विधायक बनूंगा। राजेश जून ने कहा, कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने मेरे से वादा किया था टिकट देने का, वादा नहीं निभाया।
11 को नामांकन करेंगे दाखिल राजेश जून ने बकायदा 11 सितंबर को नामांकन दाखिल करने का एलान किया है। दिल्ली रोहतक रोड पर अपने कार्यालय के बाहर नामांकन दाखिल करने की तारीख का फ्लैक्स भी लगाया है। बहादुरगढ़ से कांग्रेस के टिकट के संभावित उम्मीदवारों में राजेश का नाम शामिल है, लेकिन राजेंद्र जून को कांग्रेस से टिकट मिलना तय माना जा रहा है। राजेंद्र जून और राजेश आपस में चाचा-भतीजा हैं।
बहादुरगढ़ से राजेंद्र जून को मिली टिकट…
16 चुनावों में यहां से 8 बार कांग्रेस जीती अब तक हुए 16 विधानसभा चुनावों में बहादुरगढ़ से 8 बार कांग्रेस, लोकदल 5 बार, ओल्ड कांग्रेस, हविपा और भाजपा एक-एक बार चुनाव जीती है। यहां सबसे पहले चौधरी छोटूराम की पार्टी जमींदारा लीग से उनके भतीजे चौधरी श्रीचंद विधायक बने थे। जबकि वर्ष 1987 में पूर्व मंत्री मांगेराम नंबरदार ने 25 हजार 320 वोटों से अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। वहीं वर्ष 1972 में एनसीओ के हरद्वारी लाल ने महज 395 वोटों से सबसे छोटी जीत हासिल की थी।
जाट मतदाता सबसे अधिक बहादुरगढ़ विधानसभा में 32 गांवों के अनुपात में शहर के 31 वार्डों में करीब 40 हजार वोट अधिक हैं। हलके में कुल 2 लाख 40 हजार 980 मतदाता हैं, जिनमें 1 लाख 27 हजार 774 पुरुष और 1 लाख 13 हजार 201 महिला हैं। जबकि 85 वर्ष से अधिक आयु के 2201 मतदाता हैं। क्षेत्र में इस बार कुल 233 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में करीब 94 हजार जाट, करीब 23 हजार ब्राह्मण, हरिजन करीब 19 हजार, बनिया करीब 18 हजार, करीब 13 हजार पंजाबी, वाल्मीकि करीब 11 हजार वोटर हैं। इनके अलावा धानक, सैनी व खाती करीब 7-7 हजार, अहिर व कुम्हार करीब 5-5 हजार मतदाता हैं। इस कारण पिछले कई चुनावों में शहर निर्णायक साबित हुआ है। गांवों की बात करें तो राठी, दलाल और छिल्लर-छिकारा गोत्र का दबदबा है।
News Source : Dainikbhaskar