Star khabre, Haryana; 3rd March : हरियाणा में 40 निकायों के लिए चुनाव रविवार को संपन्न हो गया है। रिजल्ट अब 12 मार्च को आएगा। बीते कल हुई वोटिंग के दौरान करनाल में मारपीट हुई तो फरीदाबाद में एक युवक बूथ के अंदर फोन लेकर घुस गया। इतना ही नहीं उसने वोटिंग करने का फोटो सोशल मीडिया पर भी पोस्ट कर दिया।
वहीं, सोनीपत में प्रशासन की लापरवाही भी देखने को मिली। दरअसल यहां पर लोगों को वोटिंग की जानकारी महज एक दिन पहले ही दी गई थी। उधर, हिसार की बात करें तो यहां पर बीते 12 सालों में इस बार सबसे कम वोटिंग हुई। यहां पर कुल 51.1 प्रतिशत मतदान हुआ है।
इन सब के अलावा सबसे दिलचस्प मामला गुरुग्राम से सामने आया, जहां पर कांग्रेस की एक पार्षद प्रत्याशी चुनाव से पहले ही विदेश चली गईं। उन्होंने कांग्रेस का टिकट मिलने के वाद प्रचार किया, लेकिन वह 2 मार्च से पहले ही विदेश चली गईं।
वोटिंग के दौरान खींची तस्वीर, सोशल मीडिया पर डाली
फरीदाबाद में वोटिंग के दौरान एक युवक मतदान केन्द्र में मोबाइल लेकर घुस गया। उसने वोट डालते समय फोटो खींचकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर दिया। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और इस मामले में कार्रवाई की बात कही है।
जानकारी अनुसार, वोटिंग के दौरान का फोटो लेकर सोशल मीडिया पर डालने वाले युवक का नाम राहुल चौधरी है। इसे वार्ड नंबर-36 से कांग्रेस ने पार्षद पद का उम्मीदवार बनाया था, लेकिन राहुल चौधरी ने अपना नामांकन वापस लेकर भाजपा के प्रत्याशी को अपना समर्थन दे दिया। राहुल चौधरी ने वोटिंग के दौरान का फोटो सेक्टर-16 के एक मतदान केंद्र के अंदर क्लिक किया है। ईवीएम पर बटन दबाते हुए उनकी यह फोटो अब तेजी से शेयर हो रही है।
वोटिंग से पहले विदेश गई कांग्रेस प्रत्याशी गुरुग्राम में कांग्रेस की पार्षद प्रत्याशी नेहा यादव चुनाव से पहले ही विदेश चली गईं। उन्होंने कांग्रेस का टिकट मिलने के बाद प्रचार किया, लेकिन वह दो मार्च से पहले ही विदेश चली गईं। बादशाहपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले वर्धन यादव की सिफारिश पर उन्हें टिकट दिया गया था। वह पार्षद प्रत्याशी के प्रचार में भी गए थे।
बताया जा रहा है कि वह दुबई गई हैं। इसके साथ ही जानकारी मिली है कि वोटिंग के दिन उनकी ओर से कोई भी व्यक्ति बूथ पर नहीं पहुंचा था। पार्षद उम्मीदवार की इस हरकत से अब पार्टी ने उन पर एक्शन लेने की तैयारी कर ली है। निकाय चुनाव के लिए बनी कांग्रेस की कमेटी के सह प्रभारी अशोक वुवानीवाल ने बताया कि पार्षद प्रत्याशी चुनाव से पहले ही विदेश चली गईं। उन पर कार्रवाई के लिए ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी को लिखा गया है।
वोटिंग करने नहीं पहुंचे दिग्गज, 33 बूथों पर 50 फीसदी से कम वोटिंग
सिरसा में इस बार वोटिंग प्रतिशत काफी कम रहा है। बीते कल हुई वोटिंग में मात्र 56.4 प्रतिशत मतदाताओं ने ही मतदान किया। विशेष बात यह रही कि शहर में बनाए गए 143 में 33 बूथों पर तो 50 फीसदी वोटिंग भी नहीं हुई है।
खासकर, पॉश कॉलोनियों के लोगों ने भी वोट डालने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। 67 बूथ ऐसे भी रहे जहां 50 से 60 फीसदी के बीच मतदाताओं ने मतदान किया है। जननायक जनता पार्टी के अध्यक्ष अजय चौटाला और पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला ने जिस नेशनल कॉलेज में वोट डाला, वहां भी वोटिंग प्रतिशत 50 से कम ही रहा। पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और उनके भाई दिग्विजय चौटाला ने तो खुद ही वोट नहीं डाला।
प्रशासन ने एक दिन पहले दी मतदान की जानकारी
सोनीपत में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। नगर निगम क्षेत्र में अचानक शामिल किए गए बैंयापुर गांव के लोगों को मतदान से महज एक दिन पहले ही मेयर चुनाव की जानकारी दी गई। न कोई पूर्व सूचना दी गई, न प्रचार किया गया और न ही मतदाताओं को जागरूक किया गया।
बैंयापुर गांव के 4500 मतदाताओं को शनिवार शाम को तब पता चला जब गांव के सरकारी स्कूल में पांच मतदान केंद्र बनाए गए। प्रशासन ने उसी शाम वोटर स्लिप बांटनी शुरू की, जिसके बाद रविवार सुबह मुनादी कर मतदान की अपील की गई, लेकिन इस जल्दबाजी के कारण अधिकांश ग्रामीण मतदान प्रक्रिया को लेकर असमंजस में पड़ गए, जिसका सीधा असर मतदान प्रतिशत पर पड़ा।
वोटिंग के दौरान भिड़े दो पक्ष
करनाल में निकाय चुनाव की वोटिंग के दौरान वार्ड नंबर 15 में दो पक्षों में जमकर मारपीट हो गई। जुंडला गेट के पास एक स्कूल में बने पोलिंग बूथ के बाहर जमकर लात-घूसे चले, जिससे सड़क पर अफरा-तफरी मच गई।
दरअसल ये पूरा मामला वार्ड नंबर 15 का था। यहां से निर्दलीय प्रत्याशी नेहा अंशुल लाठर और पूर्व पार्षद युद्धवीर सैनी की पत्नी प्रियंका मैदान में थीं। आरोप है कि युद्धवीर सैनी अपनी पत्नी के साथ बूथ पर पहुंचे और वहां खड़े लोगों से अपने चुनाव चिह्न पर वोट देने की अपील करने लगे। इसी बीच अंशुल लाठर के एक रिश्तेदार ने उन्हें देख लिया और अंशुल लाठर को इसकी जानकारी दी। इसके बाद अंशुल भी वहां पहुंच गए। इसी को लेकर दोनों पक्षों में पहले कहासुनी हुई जो की बाद में मारपीट में तब्दील हो गई।
हिसार में गिरा वोटिंग प्रतिशत, 12 साल में सबसे कम मतदान
हिसार की बात करें तो यहां पर इस साल सिर्फ 51.1 प्रतिशत ही मतदान हुआ, जो 12 साल में सबसे कम है। 2012 में नगर निगम में 67.2 प्रतिशत मतदान हुआ था। मतदान में कमी के पीछे प्रशासन की निष्क्रियता के साथ-साथ विपक्षी दलों का चुनाव से लगभग गायब रहना मुख्य कारण रहा।
हिसार में 268316 मतदाता हैं। इनमें से 139840 लोगों ने ही मतदान किया। 128476 लोगों ने मतदान ही नहीं किया। JJP और इनेलो जैसी क्षेत्रीय पार्टियां पूरे चुनाव से गायब रहीं। इसके अलावा कांग्रेस ने ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया जो कई सालों से निष्क्रिय था।
वहीं, भाजपा ने नया चेहरा मैदान में उतारा। इसे लोग जानते तक नहीं थे। इसलिए लोगों ने मतदान करने में उत्साह नहीं दिखाया। वहीं, पूरे चुनाव काल में अधिकारी धरातल पर नजर नहीं आए। दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए इंतजाम नाकाफी नजर आए। जागरूकता अभियान शून्य रहा। इसके अलावा रविवार को मतदान से पहले शनिवार को भी छुट्टी थी, इसलिए लोग शहर से बाहर चले गए।
News Source : DainikBhaskar