Star khabre, Haryana; 10th February : हरियाणा में निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। कांग्रेस के नेताओं ने हरियाणा में निकाय चुनाव उत्तराखंड की तर्ज पर बैलेट से कराने की मांग की है। कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने इसको लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी (SEC) धनपत सिंह से भी मुलाकात की है। हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान, कांग्रेस MLA अशोक अरोड़ा, गीता भुक्कल, पूर्व मंत्री कर्ण दलाल समेत कई नेताओं ने स्टेट इलेक्शन कमिश्नर धनपत सिंह को इसको लेकर ज्ञापन भी दिया है।
ज्ञापन देने के बाद नगर निकाय चुनाव EVM की बजाय बैलेट से होने चाहिए। EVM से धांधली होती है, निष्पक्ष चुनाव नहीं होता है। उदयभान ने कहा, उम्मीद करते हैं हमारी मांग पर विचार किया जाएगा, हालांकि इलेक्शन कमीशन से ज्यादा उम्मीद नहीं करते।
उत्तराखंड के निकाय चुनाव का दिया हवाला
हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने कहा, उत्तराखंड में बैलेट पेपर से चुनाव हो सकता है तो हरियाणा में क्यों नहीं? उदयभान ने कहा कि भाजपा सरकार डर रही है कि यदि बैलेट पेपर से चुनाव होंगे तो उसे हार का सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने ये भी आरोप लगाए कि नगर निकाय चुनाव में एससी आरक्षण ठीक ढंग से नहीं किया गया है, SC समाज के साथ अन्याय किया है।
नगर पालिका में सिंबल पर नहीं लड़ेगी चुनाव कांग्रेस
कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया, कांग्रेस नगर परिषद अध्यक्ष चुनाव भी सिंबल पर लड़ेगी। नगर निगम मेयर और पार्षद चुनाव भी सिंबल पर लड़े जाएंगे। नगर पालिका चुनाव सिंबल पर नहीं लड़ जाएगा। सभी नगर निकाय चुनाव पिछले काफी समय से लंबित है , सरकार यह बताएं इतने समय क्यों चुनाव लेट किए?
कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने कहा, नगर निकाय चुनाव EVM की बजाय बैलेट पेपर से होने चाहिए इसको लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांग की है। चुनाव आयोग से उम्मीद करते हैं कि हमारी मांग पर विचार किया जाएगा। नगर निकाय चुनाव में सीटें तो बढ़ गई, लेकिन SC सीट नहीं बढी।
मेनिफेस्टो को लेकर कल बैठक
गीता भुक्कल ने कहा, मेनिफेस्टो में लोगों से जुड़े मुद्दे शामिल किए जाएंगे, मेनिफेस्टो को लेकर कल एक बैठक होगी। यह कहा जा रहा है कि देश में चुनाव लोकतंत्र की रीढ़ हैं। प्रोद्योगिकी के विकास के कारण मतपत्रों के स्थान पर ईवीएम का उपयोग किया जाने लगा। हालांकि, इसकी कमजोरियों, विश्वसनीयता, हैकिंग और अन्य संबंधित मुद्दों को अक्सर विभिन्न मंचों पर उठाया जाता रहा है। लेकिन संबंधित अधिकारी समय – समय पर उठाई गई शिकायतों को दूर करने और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहे, जबकि ईवीएम को निष्पक्ष साबित करना उनका कर्तव्य है।
हाल ही में संपन्न हरियाणा विधानसभा चुनाव में नए मुद्दे उठाए गए, जैसे कि डाले गए और गिने गए मतों में अंतर, प्रतिशत में वृद्धि की घोषणा आदि। इन घटनाओं के मद्देनजर संवैधानिक अधिकारियों पर भरोसा डगमगाने लगा है, क्योंकि ईवीएम के उपयोग में आम जनता का विश्वास खत्म हो गया है। मतपत्रों की पुरानी प्रथा की ओर देखना उचित है। वास्तव में विश्वास और आस्था चुनाव प्रक्रिया का मुख्य स्तंभ है और इसे बनाए रखने और संरक्षित करने की आवश्यकता है।
News Source : DainikBhaskar