Star khabre, Haryana; 9th January : हरियाणा के हिसार कृषि विश्वविद्यालय (HAU) में सीएम नायब सैनी बजट को लेकर वैज्ञानिकों और किसानों से बातचीत कर रहे हैं। इस बीच, गोल्ड मेडलिस्ट वैज्ञानिक डॉ. दिव्या फोगाट की मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर आज परिजन और कई संगठन यूनिवर्सिटी के गेट नंबर चार पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
परिजनों ने बताया कि डॉ. दिव्या फोगाट की डेढ़ महीने पहले विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मानसिक प्रताड़ना और उत्पीड़न के कारण मौत हो गई थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने बार-बार कारण बताओ नोटिस जारी कर रिकॉर्ड खराब किया गया। दिव्या फोगाट की मौत के लिए कुलपति जिम्मेदार हैं।
बता दें कि HAU में 6 साल तक बतौर शिक्षिका काम करने वाली गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. दिव्या एक बेहतरीन शिक्षिका और शोधकर्ता थीं। उन्होंने गेहूं की 5 किस्मों का आविष्कार करने में अहम भूमिका निभाई थी।
सांसद दीपेंद्र-जयप्रकाश उठा चुके जांच की मांग
दीपेंद्र हुड्डा से लेकर सांसद जयप्रकाश तक सभी ने वैज्ञानिक की मौत पर सवाल उठाए हैं। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार से मांग की है कि युवा वैज्ञानिक डॉ. दिव्या फोगाट की मौत की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच करवाकर न्याय दिलाया जाए।
राज्यपाल को भी भेजी थी शिकायत
वैज्ञानिक बहन की मौत से आहत भाई विशाल फौगाट ने पिछले दिनों राज्यपाल व अन्य उच्चाधिकारियों को शिकायत भेजी थी। लेकिन इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। विशाल फौगाट ने कुलपति डॉ. बीआर कंबोज पर बहन को मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया है।
भाई ने कहा- बहन बहुत होनहार थी
विशाल फोगाट ने शिकायत में कहा था कि उसकी बहन बहुत होनहार थी और उसने कई किस्मों की खोज की थी। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने उसे प्रोजेक्ट के लिए मैक्सिको व बांग्लादेश भी नहीं जाने दिया। साथ ही उसके विभागाध्यक्ष ने बिना किसी कारण के उसे नोटिस थमा दिया। डॉ. दिव्या ने भी इसकी शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
हौटा पदाधिकारी ने आरोपों को किया था खारिज
वहीं पिछले दिनों चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (हौटा) कार्यकारिणी की बैठक हौटा प्रधान डॉ. अशोक गोदारा की अध्यक्षता में हुई थी। बैठक में डॉ. दिव्या फौगाट के विषय पर विश्वविद्यालय के प्रताड़ित करने के आरोपों को हौटा ने खारिज किया था।
हौटा प्रधान डॉ. अशोक ने कहा था कि इंटरनेट मीडिया व कुछ सामाजिक संगठनों व राजनैतिक व्यक्तियों की तरफ से विश्वविद्यालय पर तथ्यहीन आरोप लगाए जा रहे हैं। डॉ. दिव्या फोगाट की नियुक्ति इसी सरकार में बिना खर्ची व पर्ची के हुई। उन्हें विश्वविद्यालय ने लड़कियों के हॉस्टल के वार्डन की जिम्मेदारी भी दे रखी थी। जिससे पता चलता है कि प्रशासन को उन पर कितना भरोसा था।
News Source : DainikBhaskar