Star khabre, Faridabad; 8th January : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फरीदाबाद (हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, पंचकूला के तत्वावधान में)
जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फरीदाबाद संदीप गर्ग के कुशल मार्गदर्शन और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी-सह-सचिव रीतू यादव के सक्षम नेतृत्व में राष्ट्रीय लोक अदालत सप्ताह का आयोजन 3 मार्च से 7 मार्च, 2025 तक किया जाएगा। जिसको नेशनल लोक अदालत सप्ताह के नाम से जाना जाएगा।
इस विशेष सप्ताह का मुख्य उद्देश्य ट्रैफिक चालान केसों का अधिक से अधिक निपटारा बैंक रिकवरी मामले, मोटर वाहन दुर्घटना दावा (MACT) मामले, पारिवारिक विवाद, दीवानी मामले, फौजदारी जमानती मामले, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामले, बिजली और पानी के बिलों से जुड़े विवाद, राजस्व मामले, और अन्य छोटे-छोटे वादों का आपसी सहमति से अधिक से अधिक निपटान करना है।
राष्ट्रीय लोक अदालत सप्ताह के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा ताकि समय, श्रम और धन की बचत हो सके और पक्षकारों को शीघ्र न्याय प्राप्त हो।
राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 8 मार्च, 2025 को जिला न्यायालय परिसर, सेक्टर-12, फरीदाबाद में किया जाएगा। इस दिन विभिन्न न्यायालयों में मामलों की सुनवाई और निपटान किया जाएगा।
प्री-लोक अदालतों का आयोजन प्रत्येक गुरुवार: न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी की अध्यक्षता में प्री-लोक अदालत आयोजित की जाएगी।
प्रत्येक शुक्रवार: जिला एवं सत्र न्यायाधीश व अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्र न्यायाधीश की अध्यक्षता में प्री-लोक अदालत का आयोजन होगा।
यह प्री-लोक अदालतें जिला न्यायालय परिसर, सेक्टर-12, फरीदाबाद में आयोजित की जाएंगी। इन अदालतों का उद्देश्य विवादों को आपसी सहमति और सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटाना है।
राष्ट्रीय लोक अदालत के लाभ:
1. विवादों का त्वरित और सौहार्दपूर्ण समाधान।
2. मामलों का निपटारा बिना किसी लंबी कानूनी प्रक्रिया के।
3. अदालत शुल्क की वापसी (यदि मामला न्यायालय शुल्क अदा करने योग्य हो)।
4. आपसी समझौते से किए गए निर्णयों के खिलाफ कोई अपील नहीं की जा सकती।
5. पक्षकारों के बीच आपसी संबंधों में सुधार।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रितु यादव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फरीदाबाद, आम जनता से अपील करता है कि वे इस अवसर का लाभ उठाते हुए अपने लंबित विवादों को राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निपटाने के लिए आगे आएं। यह न केवल न्यायिक प्रणाली के बोझ को कम करेगा, बल्कि विवादों का त्वरित और स्थायी समाधान सुनिश्चित करेगा।