Star khabre, Faridabad; 10th February : अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में देश-विदेश की संस्कृति तो देखने में मिल ही रही है, भारतीय विविधता में एकता के भी यहां साक्षात दर्शन किए जा सकते हैं। मेले में प्रस्तुत किए जा रहे लोकनृत्यों का पर्यटक नयनाभिराम होकर लुत्फ उठा रहे हैं।
38 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में भारत की विविधता में एकता को सहज रूप से देखा जा सकता है। राजस्थान, गोवा, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, मध्य प्रदेश आदि राज्यों के लोकनृत्य पर्यटकों को अपनी ओर लुभा रहे हैं। पर्यटक न केवल इनके जीवंत दृश्यों को अपने मोबाइल के कैमरे में कैद कर रहे हैं, अपितु इन पर थिरक कर अपनी प्रसन्नता भी जता रहे हैं। ओडिसा पवेलियन के सामने आज शाम जब संबलपुरी लोकनृत्य की प्रस्तुति दी जा रही थी तो पर्यटक एकटक होकर इस फॉक डांस का आनंद लेते हुए दिखाई दिए। लोक कलाकारों ने बताया कि मई-जून माह में जब धान की फसल पकाई पर आने लगती है तो देवी संबलेश्वरी को प्रसन्न करने के लिए नुहाखाई पर्व मनाया जाता है। इसी पर्व के दौरान यह संबलपुरी नृत्य किया जाता है, जिसमें देवी की स्तुति के साथ-साथ परिवार की खुशहाली तथा अधिक से अधिक धान की पैदावार की कामना की जाती है। ओडिसा के संबलपुर नामक जिला में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। ओडिसा की लोक कलाकारों ने पूरी मस्ती के साथ इस नृत्य को पर्यटकों के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि वे यहां सूरजकुंड में आकर काफी प्रसन्नता अनुभव कर रही हैं।
ओडिसा का संबलपुरी नृत्य देख अभिभूत हुए पर्यटक
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