Star khabre, Faridabad; 11th February : 38 वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में स्कूल के बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा पर्यटन निगम तथा शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को मेला परिसर की नाट्यशाला में स्लोगन व निबंध लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न स्कूलों के 405 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। यह प्रतियोगिताएं कनिष्ठ व वरिष्ठ वर्गों में आयोजित की गईं।
स्लोगन प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग में सेंट एंथॉनी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की छात्रा निक्की ने प्रथम स्थान, विद्या सागर इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा आशी भट्ट ने द्वितीय व फरीदाबाद मॉडल स्कूल की छात्रा इकनूर कौर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं स्लोगन प्रतियोगिता के वरिष्ठ वर्ग में डीएवी पब्लिक स्कूल की छात्रा अनुष्का शुक्ला ने प्रथम, महादेव देसाई पब्लिक स्कूल की छात्रा प्रेरणा ने द्वितीय तथा सैंट जॉन स्कूल की छात्रा श्रेया खंडेलवाल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
इसी प्रकार निबंध लेखन प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग में सैंट एंथोनी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की छात्रा गौरी जय ने प्रथम, सैंट जॉन स्कूल की हिमांशी खंडेलवाल ने द्वितीय तथा मुरारी लाल सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा मेघा भारती ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं निबंध लेखन प्रतियोगिता के वरिष्ठ वर्ग में राजकीय मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेक्टर-28 की छात्रा प्रतिष्ठा राव ने प्रथम, सैंट जॉन स्कूल की छात्रा जवीशा ने द्वितीय और राजकीय मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल एनआईटी-3 के छात्र सक्षम शर्मा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर विजेता रहे प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।
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*मेले की छोटी-बड़ी चौपालों पर आयोजित किए जा रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम*
सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में छोटी तथा बड़ी चौपाल पर देश-विदेश से आए कलाकार अपने देश की संस्कृति की छटा बिखेर रहे हैं। मंगलवार को बड़ी चौपाल पर विभिन्न राज्यों व देशों के कलाकारों ने गायन, वादन व नृत्य कला से दिनभर पर्यटकों का मनोरंजन कर रहे हैं। बड़ी चौपाल पर ओडिशा के कलाकारों द्वारा पाइका नृत्य की प्रस्तुति दी। इस नृत्य के माध्यम से कलाकारों ने मार्शल आर्ट, कलाबाजी व लयबद्ध तरीके से युद्ध कला और शारीरिक व्यायाम का अभ्यास दिखाया। वहीं मध्य प्रदेश के कलाकारों द्वारा मटकी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। यह मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र का एक लोकप्रिय नृत्य है। इसे घड़ा नृत्य भी कहा जाता है, जिसे महिलाएं शादी, जन्मदिन और अन्य शुभ अवसरों पर करती हैं। इस नृत्य में कलाकार अपने सिर पर मटकी को संतुलित करते हुए नाचते हैं।
इसी कड़ी में नेपाल से आए कलाकारों ने सारंगी के साथ पारंपरिक लोक संगीत, मोजाम्बिक्यू ने गोरिल्ला डांस, साउथ सूडान के कलाकारों की ओर से नयनबारा, लोकाया व नदीदिंगा पारंपरिक नृत्य, किर्गिस्तान के कलाकारों ने स्वतंत्रता उत्सव नृत्य, तनजानिया का सिन्दिबा, इरिट्रिया के कलाकारों की ओर से साहो इथनिक डांस, नारा इथनिक डांस और बडायट इथनिक डांस, कैबो वर्दे के कलाकारों ने गोल्ड म्यूजिक एंड डांस की बेहतरीन प्रस्तुति दी गई।