Star khabre, Chandigarh; 10th March : चंडीगढ़ की पीजीआई में आयुष्मान भारत योजना के तहत फर्जी कार्ड और गड़बड़ी के जरिए करोड़ों रुपए की हेराफेरी का मामला सामने आया है। जिसके बाद चंडीगढ क्राइम ब्रांच ने एक आरोपी बलराम को यूपी के सहारनपुर से गिरफ्तार किया है। कुछ हफ्ते पहले इस घोटाले की खबर आने के बाद पीजीआई प्रशासन और अमृत फार्मेसी ने संयुक्त रूप से पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई और मामले की जांच के लिए एक आंतरिक समिति गठित की।
जांच में खुलासा हुआ है कि जाली डॉक्टर स्टांप का उपयोग करके फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाए गए, जिससे अपात्र लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई। पीजीआई की और से आरोपी को जब्त स्टांप और इंडेंट बुक सहित पुलिस को सौंपा गया। पुलिस ने पीजीआई के अस्सिटेंट सिक्योरिटी आफिसर बी. एस. रावत के बयान पर रमन कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया है।
चोरी हुए इंडेंट बुक और नकली स्टांप से हेराफेरी
चोरी हुई इंडेंट बुक और नकली स्टांप का इस्तेमाल कर उन मरीजों के लिए निर्धारित दवाओं को गलत तरीके से डायवर्ट किया गया, जो आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज करवा रहे थे।
ऑनलाइन प्रणाली होगी लागू घोटाले के बाद पीजीआई प्रशासन ने नकद रहित योजनाओं के लिए मौजूदा मैनुअल प्रणाली को हटाकर एक सुरक्षित ऑनलाइन इंडेंटिंग सिस्टम लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पीजीआई के कंप्यूटर सेक्शन द्वारा विकसित यह प्रणाली अस्पताल की सूचना प्रणाली (HIS-1) में जोड़ी जाएगी और एक सप्ताह के भीतर पूरी तरह लागू की जाएगी।
केशलैस लाभार्थियों के लिए पीजीआई प्रशासन ने आपातकालीन विभाग के बाहर एक समर्पित सेवा क्षेत्र निर्धारित किया है, जहां अमृत फार्मेसी केवल केशलैस योजनाओं के लाभार्थियों को सेवाएं देगी। साथ ही, पीजीआई और अमृत फार्मेसी मिलकर कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने पर काम करेंगे, ताकि नई ऑनलाइन प्रणाली के तहत दवाएं और इंप्लांट सीधे मरीजों तक उनके बेड साइड तक पहुंचाई जा सकें।
रिमांड में हो सकते है बड़े खुलासे
आरोपी बलराम 3 दिन के पुलिस रिमांड पर है। पूछताछ में आरोपी से और बडे़ खुलासे हो सकते है। जांच में सामने आया कि इससे पहले 18 फरवरी को अमृत फार्मेसी में काम करने वाले आरोपी रमन कुमार को सेक्टर-11 पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
उसे पीजीआई के सुरक्षा नियंत्रण कक्ष में संदेह के आधार पर लाया गया था, क्योंकि वह पीजीआई के यूरोलॉजी वार्ड की ‘आयुष्मान भारत इंडेंट बुक’ का उपयोग फार्मेसी में कर रहा था। तलाशी के दौरान उसके पास से यूरोलॉजी वार्ड की ‘आयुष्मान भारत इंडेंट बुक’ और पीजीआई के विभिन्न विभागों के आठ स्टांप मिले। जिनमें नर्सिंग ऑफिसर, सीनियर रेजिडेंट (इंटरनल मेडिसिन), आयुष्मान भारत हिम केयर फार्मेसी और अन्य विभागों के स्टांप शामिल थे।
News Source : DainikBhaskar