Star khabre, National; 27th March : सार्वजनिक सेवा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में ‘सहकार टैक्सी’ योजना का ऐलान किया, जो सहकारी आधार पर काम करने वाली एक राइड-हेलिंग सेवा होगी। इस सेवा का उद्देश्य ड्राइवरों को सीधे लाभ पहुंचाना है, जिसमें बिचौलियों का कोई हिस्सा नहीं होगा। यह सेवा ओला और उबर जैसी ऐप-बेस्ड राइड-हेलिंग कंपनियों के मॉडल पर आधारित होगी, लेकिन इसमें सहकारी समाजों को दोपहिया, टैक्सी, रिक्शा और चारपहिया वाहन पंजीकरण की अनुमति दी जाएगी।
लोकसभा में शाह ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण से जुड़ी हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले तीन सालों से सहकारिता मंत्रालय इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए निरंतर काम कर रहा है, और आने वाले महीनों में एक बड़ा सहकारी टैक्सी सेवा लॉन्च की जाएगी, जिससे ड्राइवरों को सीधे लाभ मिलेगा।
यह घोषणा ओला और उबर जैसी कंपनियों पर बढ़ती निगरानी के बीच हुई है, जिन पर हाल ही में भेदभावपूर्ण मूल्य निर्धारण के आरोप लगे थे। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने इन कंपनियों को नोटिस भेजे थे, जब यह रिपोर्ट्स सामने आई थीं कि आईफोन और एंड्रॉइड उपयोगकर्ताओं के लिए समान यात्रा के लिए किराया अलग था। इन आरोपों के बावजूद, ओला और उबर दोनों ने इन दावों का खंडन किया है, और दावा किया है कि उनकी मूल्य निर्धारण संरचना समान है।
इस कदम से सहकारी मॉडल को बढ़ावा मिलने की संभावना है, जिससे ड्राइवरों को अधिक फायदा होगा और यह मौजूदा राइड-हेलिंग प्लेटफार्मों की मूल्य निर्धारण नीति को चुनौती दे सकता है।
News Source : PunjabKesari