Star khabre, Chandigarh; 11th May : चंडीगढ़ प्रशासन अब एस्टेट ऑफिस के सभी प्रॉपर्टी रिकॉर्ड को पूरी तरह डिजिटल करने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। इस बार रिकॉर्ड स्कैनिंग के साथ-साथ सभी दस्तावेजों की कैटलॉगिंग कर उन्हें पूरी तरह से ऑनलाइन उपलब्ध कराने की योजना है। साथ ही, फाइलों और आवंटियों के आवेदन की लाइव ट्रैकिंग भी डिजिटल प्लेटफॉर्म और मोबाइल एप के माध्यम से की जाएगी।
इस परियोजना की जिम्मेदारी नेशनल इन्फरमेटिक्स सेंटर (NIC) को सौंपी गई है। इससे पहले 2005, 2011 और 2021 में भी रिकॉर्ड को कंप्यूटर पर लाने की कोशिश की गई थी, लेकिन हर बार काम अधूरा रह गया और पूरा रिकॉर्ड डिजिटल नहीं हो सका। अधिकारियों के मुताबिक, पिछली बार कुछ प्रापर्टियों की जानकारी जैसे ‘रीसम्ड प्रॉपर्टी’ वेबसाइट पर गलत डाली गई थी, लेकिन अब उसे ठीक कर दिया गया है।
गलत अपलोडिंग और कोर्ट के फैसलों से बना भ्रम
कई मामलों में ऐसी प्रॉपर्टीज, जिन्हें पहले सरकार ने जब्त कर लिया था। लेकिन बाद में कोर्ट के आदेश से मालिकों को लौटा दिया गया, उनका स्टेटस वेबसाइट पर अपडेट नहीं किया गया था। अब ऐसे सभी मामलों की जानकारी दुरुस्त करने के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) बनाया गया है। एस्टेट ऑफिस द्वारा ऐसे कई मामलों में एंट्री ठीक की गई है।
प्रशासन ने ऐसे सभी प्रॉपर्टी मालिकों को एक और मौका दिया है। जिनकी वेबसाइट पर दिख रही प्रॉपर्टी की स्थिति, उनके पास मौजूद रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रही है। इसके लिए 20 मई तक डिप्टी कमिश्नर ऑफिस और एस्टेट ऑफिस के डायरी सेक्शन में विशेष कैंप लगाया जा रहा है, जहां वे अपने दस्तावेज़ दिखाकर सुधार करवा सकते हैं।
पारदर्शिता और सुविधा दोनों बढ़ेगी
अधिकारियों का कहना है कि यह प्रक्रिया 90 दिनों में पूरी की जाएगी। इसके बाद फाइलों की लाइव ट्रैकिंग शुरू की जाएगी, जिससे आवंटियों को पारदर्शिता के साथ तेज़ी से सेवा मिलेगी। इस पूरे अभियान की निगरानी खुद यूटी के मुख्य सचिव और एस्टेट सचिव कर रहे हैं।
रिकॉर्ड डिजिटलाइजेशन के बाद एस्टेट ऑफिस की वेबसाइट और मोबाइल एप पर सभी फाइलों और आवेदनों को लाइव देखा और ट्रैक किया जा सकेगा। इससे अधिकारियों को मॉनिटरिंग में आसानी होगी और आम जनता को समय पर सेवाएं मिलेंगी।
News Source : DainikBhaskar