Star Khabre, Faridabad; 5th December : डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि जिला फरीदाबाद में दूषित पानी की रोकथाम को लेकर प्रशासन सजग है, ताकि यमुना नदी के पानी को प्रदूषित होने से बचाया सके।
उन्होंने कहा कि जिला की ड्रेनों और नालो में किसी भी स्तर पर प्रदूषित पानी ना पहुंचे, इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारी आपसी तालमेल के साथ कार्य करें और साथ ही विभिन्न स्रोतों के माध्यम से प्रदूषित पानी छोड़ने वाली इकाइयों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए। इससे पहले हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पी. राघवेंद्र राव ने पर्यावरण विभाग के एसीएस विनीत गर्ग, शहरी निकाय विभाग के एसीएस सुधीर राजपाल के साथ सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये फरीदाबाद जिला सहित राज्य के सोनीपत, पानीपत, करनाल, पलवल, गुरूग्राम, मेवात, झज्जर, रोहतक सहित विभिन्न जिलों में यमुना एक्शन प्लान से जुड़ी जानकारी लेते हुए कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने जिलावार एक्शन प्लान को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में उपायुक्त की अध्यक्षता में एसईएसटीएफ गठित की गई हैं, जोकि इस दिशा में प्रभावी कदम उठाते हुए गंदा पानी छोडऩे वाली इकाईयों के खिलाफ सख्ती से निपटना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जब गंदा पानी ड्रेनों से होकर यमुना में नहीं जाएगा तो पानी की गुणवता में निरतंर सुधार होगा।
डीसी विक्रम सिंह ने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पी. राघवेंद्र राव को जानकारी देते हुए बताया कि जिला फरीदाबाद में विभिन्न ड्रेनों तक प्रदूषित पानी ना पहुंच पाए, इसके लिए संबंधित विभागों द्वारा प्रभावी तरीके से कार्य किया जा रहा है। डीसी ने वीडियो कांफ्रेंस के उपरांत अधिकारियों की बैठक ली और जिला में सभी आवश्यक उपायों को सुनिश्चित करने की बात कही। इस मामले में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला में सीवरेज प्रणाली की जांच करते हुए लाईनों को भी चैक किया जाए,जहां पर नई लाइन डालने की जरूरत है, वहां अमरूत योजना के तहत इस कार्य को निर्धारित समयावधि में पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि एनजीटी द्वारा गंगा नदी तक किसी भी रूप में कैमिकलयुक्त या गंदा पानी ना पहुंच पाए, इसके लिए यमुना एक्शन प्लान बनाया गया है, जिसके चलते को हमें जिला की तीनों ड्रेनों में हर हाल में प्रदूषित पानी पर रोक लगानी है और पानी की गुणवत्ता में सुधार भी लाना है।
डीसी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को इस मामले में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए और संबंधित इकाइयों पर नियमानुसार कार्रवाई की बात दोहराई। एसटीपी से शोधित पानी का हो सदुपयोग डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि सीवरेज पानी को एसटीपी से शोधन करते हुए उसे बागवानी, सिंचाई सहित औद्योगिक इकाइयों में इस्तेमाल किया जाए, जबकि नहरी पानी को पेयजल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। हमें नदियों तक पहुंचने वाले प्रदूषित पानी पर रोक के लिए विशेष कार्य योजना बनाते हुए कार्य को मूर्त रूप देना है। हमें यह तय करना होगा कि जिला की ड्रेनों में किसी भी तरह प्रदूषित पानी ना पहुंच पाए। इस अवसर पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जिला अधिकारी स्मिता कनोडिया, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राकेश मोर, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।