Shikha Raghav (Star Khabre), Faridabad; 23rd July : खेल सत्ता के पार्ट-1 में हमने आपको फरीदाबाद की एक जमीन जिसकी कीमत करीब 27 करोड़ रुपए है, का सच आपके समक्ष रखा था। आज फिर उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए हम आपको बताएंगे कि शिकायतकर्ता संदीप ने हरियाणा के पूर्व मंत्री के जिस पुत्र पर 420 का आरोप लगाया है, वह इस मामले में अपना क्या पक्ष रख रहे हैं।
विजय प्रताप का कहना है कि संदीप चपराना उनके छोटे भाई जैसा है लेकिन फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर राजैनतिक रूप से संदीप चपराना का एक मोहरे की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। कृष्णपाल गुर्जर अपना राजनैतिक उल्लू साधने के लिए एक युवा के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं लेकिन संदीप को अभी उनकी राजनीति समझ नहीं आ रही। उन्होंने संदीप के प्रति लगाव व्यक्त करते हुए कहा कि संदीप उनका छोटा भाई है लेकिन जब तक संदीप को कृष्णपाल के असली चेहरे का पता लगेगा,तब तक बहुत देर हो चुकी होगी और उसके राजनैतिक करियर को भी इसका काफी नुकसान होगा। वहीं विजय प्रताप ने कृष्णपाल गुर्जर के खिलाफ अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि वह जल्द ही मोदी से मुलाकात करेंगे और उन्हें उनके सांसद कृष्णपाल गुर्जर के कारनामों से अवगत कराएंगे। वह कृष्णपाल गुर्जर के खिलाफ मोदी को पेश करने के लिए गुर्जर का पूरा बॉयोडाटा तैयार कर रहे हैं।
हाल ही में बीजेपी नेता संदीप चपराना ने प्रैस वार्ता के दौरान विजय प्रताप पर जो आरोप लगाए, उनका भी लिस्ट वार विजय प्रताप ने खंडन किया है। विजय प्रताप ने कहा कि संदीप ने 2015 में जो कोर्ट में सिविल सूट दायर किया था, उसमें उन्होंने कहा था कि धमेन्द्र, हरेन्द्र व संदीप ने मिलकर 10 करोड़ रुपए त्यागी क्राफ्ट प्रा. लि. को दिए हैं। जबकि अब वह एफआईआर में कह रहे हैं कि उन्होंने अकेले 9.50 करोड़ रुपए दिए हैं।
संदीप ने यह आरोप लगाया कि धमेन्द्र के एग्रीमैंट के बाद 41 लाख रूपये के चैक और 85 लाख रूपये नकद धमेन्द्र को दिया। अगर मेरे व धमेन्द्र के द्वारा यह किया गया छल है तो क्यों नहीं यह बातें सिविल सूट में डाली गई। विजय प्रताप ने एफआईआर का जिक्र करते हुए कहा कि संदीप ने जैसा कि पत्रकारों को कहा है कि उन्होंने इस मामले की शिकायत पुलिस को फरवरी मेंं दी थी और पुलिस ने जांच कर इस मामले में एफआईआर दर्ज की है, तो फिर जब जांच करने के बाद एफआईआर दर्ज हुई है तो पुलिस ने उन्हें फिर से जांच के लिए इक्नोमिक विंग के पास किसलिए भेजा है। जबकि यह शहर का अति संवेदनशील मामला था, तो फिर पुलिस ने इसकी जांच इक्नोमिक विंग से पहले क्यों नहीं कराई।
विजय प्रताप ने कहा कि उन्होंने पहले भी कहा कि मैने इनको और त्यागी को बैठा कर मामले का शांतिपूर्वक निपटाने की कोशिश की है। संदीप का कहना है कि उन्होंने इस मामले में कई बार समाज की पंचायत हैं तो वह जिन लोगों को पंचायत में लाए उन लोगों के नाम सार्वजनिक करें और दोबारा पंचायत रखे। मैं पंचायत में आ जाऊंगा। ये ही नहीं अगर सैकड़ों लोग मेरे धोखे का शिकार हैं तो बकायदा उनके नाम सार्वजनिक कर उन्हें पंचायत में लाए। बकौल, विजय प्रताप, दरअसल इसके पीछे केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर की राजनीति काम कर रही है कि विजय और विवेक को कानूनी पचड़े में उलझाए रखो ताकि वह इसी में उलझे रहे। विजय प्रताप ने कहा कि आत्मचिंतन की जरूरत कृष्णपाल गुर्जर को है जो अपनी जिम्मेदारियों को भूल कर झूठे साक्ष्यों के आधार पर झूठे लोगों के साथ मिलकर औछी राजनीति पर उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र वह कृष्णपाल गुर्जर की इस तरह की एक लम्बी फहेरिस्त के सबूतों को साथ लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलेंगे।