Shikha Raghav (Star Khabre), Faridabad; 29th November : फरीदाबाद में फड़ बाजार का गोरखधंधा बड़े स्तर पर चल रहा है। फड़ बाजार के कारण स्थानीय नेता मौज में हैं और प्रशासन अंधा बना बैठा है। शहर में अनेक स्थानों पर अलग-अलग दिन फड़ बाजार लगता है जिनमें अवैध उगाही चरम पर है। अभी कुछ दिनों पहले ही पुलिस आयुक्त के निर्देश पर पल्ला पुल पर रेहड़ी विक्रेताओं से अवैध वसूली करने वाले लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की गई थी लेकिन उसके बावजूद शहर में अनेक स्थानों पर लगने वाले फड़ बाजार से अवैध उगाही जारी है और प्रशासन अंधा बना हुआ है।
जमीन किसकी, विभाग के पास नहीं जानकारी
अवैध उगाही का साधन बन रहे अवैध फड़ बाजार सरकारी जमीनों पर फल फूल रहे हैं। मजेदार बात यह है कि यह सरकारी जमीन किस विभाग की है, इस बारे में विभागों के पास भी कोई जानकारी नहीं है। कार्रवाई करने के नाम पर नगर निगम जमीन को पुर्नवास विभाग की बता कर अपना पल्ला झाड़ लेता है और पुर्नवास विभाग जमीन को नगर निगम की बता कर अपना पल्ला झाड़ लेता है। खैर जमीन नगर निगम की हो या फिर पुर्नवास विभाग की या फिर हूडा की, जगह-जगह इनकी जमीनों पर लगने वाले फड़ बाजार अवैध उगाही का धंधा बन रहे हैं।
अधिकारियों की मिलीभगत से लग रहा फड़ बाजार
शहर में सरकारी जमीनों पर फड़ बाजार लग रहा हो और इसकी जानकारी अधिकारियों को न हो, यह बात गले से नहीं उतर रही। और तो और इन फड़ बाजारों से अवैध उगाही चल रही हो और अधिकारियों को इसकी भनक भी न हो, यह तो संभव ही नहीं है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि फड़ बाजार अधिकारियों की मिलीभगत से लग रहे हैं। इसमें स्थानीय नेता से लेकर अधिकारियों तक सभी अवैध उगाही में हिस्सेदार हैं।
स्थानीय नेता कर रहे फड़ बाजार से अवैध उगाही
फड़ बाजार से अवैध उगाही हो रही है यह तो सब जानते हैं लेकिन इसमें हिस्सेदार कौन-कौन हैं, इस बात से ज्यादातर लोग अंजान हैं। फड़ बाजार विक्रेताओं की माने तो उनसे स्थानीय पार्षद, अधिकारी, छुटभैय्या नेता व खाकी के नाम पर पैसे वसूले जाते हैं। हर क्षेत्र में लगने वाली फड़ से पैसे वसूलने का भाव अलग-अलग है। पल्ला पुल पर लगने वाले सोम बाजार में प्रत्येक फड़ से 200 रुपए लिए जाने का आरोप है, वहीं सेक्टर-21बी में लगने वाले शुक्र बाजार में फड़ विक्रेताओं से 150 रुपए से 700 रुपए तक वसूली का आरोप है। मुल्ला चौक पर लगने वाले शनि बाजार में 100 रुपए से 400 रुपए तक की वसूली करने का आरोप है। इसी तरह अन्य बाजारों में भी वसूली का धंधा चल रहा है। सेक्टर-21बी में सब्जी की फड़ लगाने वाले एक विक्रेता बब्लू ने बताया कि इस बाजार से रमेश प्रधान नामक एक व्यक्ति पैसे वसूलता है। फड़ की जगह के अनुसार उससे पैसे वसूले जाते हैं। 150 रुपए से 700 रुपए तक इस बाजार से वसूली होती है।
स्वच्छ भारत और भ्रष्टाचार मुक्त शासन अभियान को पलीता लगा रहे बाजार
फड़ बाजार शहर में स्वच्छ-भारत, स्वच्छ-हरियाणा अभियान और भ्रष्टाचार मुक्त शासन को भी पलीता लगा रहे हैं और शहर के भाजपा नेता, पार्षद, अधिकारी सब आंखे मूंदे अपने-अपने क्षेत्र में दोनों अभियान की उड़ती धज्जियों को अनदेखा कर अपना उल्लू सीधा करने में लगे हुए हैं। पल्ला के स्थानीय निवासी रवि ने बताया कि इन फड़ बाजार के कारण क्षेत्र में गंदगी का आलम हैं। सोमवार को यहां फड़ बाजार लगता है और बाजार लगाने वाले जब रात को यहां से जाते हैं तो सड़ी हुई सब्जियां, सड़े फल, कूडा-कर्कट यहां छोड़ जाते हैं, जिस कारण यहां गंदगी का आलम बना रहता है और प्रशासन व स्थानीय नेता आंखे मूंदे बैठे हैं, क्योंकि सबको यहां से पैसे पहुंच जाते हैं।
निगम सदन में भी कई बार उठी आवाज
नगर निगम सदन में भी पार्षद इस फड़ बाजार को लेकर कई बार आवाज उठा चुके हैं। वार्ड नंबर-15 के पार्षद संदीप भारद्वाज ने हाल ही में 17 नवंबर को निगम सदन की बैठक में अपने क्षेत्र में लग रहे फड़ बाजार को हटाने की पुरजोर तरीके से मांग की थी जिस पर निगम सदन में काफी देर बहस चलती रही।
यहां-यहां लगते हैं फड़ बाजार
शहर में जगह-जगह फड़ बाजार का कारोबार फल फूल रहा है। मुल्ला चौक पर शनि बाजार, सेक्टर-21बी में शुक्र बाजार, एनआईटी बस स्टैंड पर, पल्ला चौक पर सोम बाजार, बाटा पुल के नीचे, ओल्ड फरीदाबाद में, खेड़ी रोड़ पर मंगल बाजार, एतमादपुर गांव के ग्राउंड में वीर बाजार, एतमादपुर पुल पर शुक्र बाजार, धीरज नगर, सराय रोड सहित शहर के अनेक स्थानों पर फड़ बाजार फल फूल रहा है, जहां से स्थानीय नेता, पार्षद, अधिकारी व खाकी अवैध उगाही कर लाखों रुपए कमा रहे हैं।
स्थानीय नेताओं से लेकर अधिकारी व खाकी पर तरह तरह के आरोप लग रहे हैं। यह आरोप लगने का मुख्य कारण यह है कि जनता यह बात मानने का तैयार नहीं कि इसमें प्रशासन अधिकारी, स्थानीय नेता और खाकी का हाथ नहीं है क्योंकि यदि इनका हाथ नहीं है तो अधिकारी सरकारी जमीन पर इस तरह अवैध बाजार क्यों लगने दे रहे हैं। स्थानीय पार्षद व अन्य नेता क्यों चुप्पी साधे हुए हैं और खाकी इन अवैध बाजार से वसूली करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही।