Star khabre, Chandigarh; 15th September : सेना में सेवा करते समय अगर कोई व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर स्टेज वन का शिकार हो जाता है तो उसे विकलांगता पेंशन का हकदार माना जाएगा। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने ऐसे ही एक मामले की सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (AFT) के फैसले के खिलाफ भारत सरकार की अपील को खारिज कर दिया है।
2002 में सेना हुए थे भर्ती
धीरज कुमार की तरफ से इस संबंधी AFT में याचिका दाखिल की गई थी। उन्होंने अपनी याचिका में बताया था कि वह 2002 में सेना में शामिल हुए थे। नौकरी के दौरान वह वह स्टेज हाई ब्लड प्रेशर का शिकार हो गए थे। इसके बाद सेना ने उन्हें 31 अक्तूबर 2019 को सेवा मुक्त कर दिया था। लेकिन पेंशन नहीं दी गई। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अपनी जंग जारी रखी। मेडिकल बोर्ड ने उनकी विकलांगता 30 फीसदी मानी थी।
सेना पेंशन देने का तैयार नहीं थी
धीरज ने इसके बाद विकलांगता पेंशन के लिए आवेदन किया। लेकिन सरकार ने उसके आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया कि उसे हुई विकलांगता न तो सैन्य सेवा के कारण थी और न ही उससे बढ़ी थी। सेना के खिलाफ उन्होंने इस मुद्दे पर AFT में जंग लड़ी।
जहां पर फैसला उसके पक्ष में आया। लेकिन सरकार सरकार उस फैसले को मानने के लिए तैयार नहीं थी। इसके बाद AFT के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार हाईकोर्ट पहुंची। लेकिन फैसला उसके ही पक्ष में आया। अदालत में सुनवाई के दौरान सैनिक की तरफ से मेडिकल रिकॉर्ड पेश किया है। उसने बताया कि जब वह भर्ती हुआ तो पूरी तरह से तंदुरुस्त था। उसे यह बीमारी सेना सेवाकाल में हुई।
News Source : DainikBhaskar