Star khabre, Chandigarh; 2nd December : स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 की रैंकिंग जनवरी में घोषित होगी, लेकिन डड्डूमाजरा डंपिंग ग्राउंड का कचरे का पहाड़ इस बार भी चंडीगढ़ के लिए बड़ी बाधा बनकर खड़ा है। स्वच्छता रैंकिंग के लिए मिनिस्ट्री ऑफ अर्बन डवेलपमेंट ने तीन फेज में सर्वे पूरा कर लिया है।
पिछले साल चंडीगढ़ ने चार में से तीन कैटेगरी में अच्छी रैंकिंग पाई थी, लेकिन गारबेज फ्री सिटी कैटेगरी में डड्डूमाजरा के कचरे के पहाड़ ने रैंकिंग को नीचे खींच लिया। शहर में हर दिन लगभग 500 टन कचरा निकलता है, जिसमें से 100 टन गीला और सूखा कचरा बिना सैग्रिगेशन के डंप हो रहा है।
काम शुरू करने में देरी, टेंडर के बाद भी प्लांट नहीं लगा
शहर में 500 टन कचरे के डिस्पोजल के लिए नया प्लांट लगाने का टेंडर तो हो चुका है, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हुआ। इस प्लांट में हर दिन 400 टन कचरे को प्रोसेस कर रिफ्यूज डिराइव्ड फ्यूल (आरडीएफ) और कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) में बदलने की योजना थी।
चंडीगढ़ प्रशासन ने गलत डेटा भेजा
एनजीटी की पिछली सुनवाई में प्रशासन द्वारा गलत डाटा पेश किया गया था। प्रशासन ने दावा किया कि शहर से हर दिन 500 टन कचरा निकलता है, जबकि असली आंकड़ा 550 टन था। रिफ्यूज डिराइव्ड फ्यूल प्लांट और कंपोस्टिंग का सही डेटा भी नहीं भेजा गया था। अब एनजीटी ने 12 दिसंबर तक नई रिपोर्ट मांगी है।
सर्वेक्षण में ये बातें देखी गईं
1. ओपन डिफेक्शन फ्री सिटी: शहर की सफाई का निरीक्षण।
2. वेस्ट मैनेजमेंट: कचरे की कलेक्शन, ट्रांसपोर्टेशन और डिस्पोजल व्यवस्था।
3. सार्वजनिक शौचालय: घरों और सार्वजनिक जगहों पर शौचालयों की उपलब्धता।
4. फीडबैक: फोन पर नागरिकों से सफाई व्यवस्था पर फीडबैक।
5. सैग्रिगेशन चेक: कचरे को अलग-अलग करने और रिसाइक्लिंग सिस्टम की चेकिंग।
चंडीगढ़ प्रशासन के पास अब 12 दिसंबर से पहले एनजीटी में बेहतर रिपोर्ट पेश करने का मौका है, ताकि स्वच्छता रैंकिंग में सुधार किया जा सके।
News Source : DainikBhaskar