Star khabre, Chandigarh; 3rd December : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (3 दिसंबर) को चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (PEC) में 3 नए कानूनों को लागू करने की समीक्षा की। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह भी उनके साथ रहे। यहां उन्होंने चंडीगढ़ में लागू किए गए कानूनों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का डेमो भी देखा
पहले गृह मंत्री अमित शाह ने संबोधन में कहा कि नए कानूनों के बाद हमें अंग्रेजों के जमाने के गुलाम क्रिमिनल सिस्टम से छुटकारा मिल गया है। अब तारीख पर तारीख का खेल खत्म हो गया है।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब तारीख पर तारीख के दिन लद गए यानी खत्म हो गए हैं। नए कानूनों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई मजबूत होगी। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में आने वाली कानूनी अड़चन दूर होगी।
PM मोदी की संबोधन की 10 अहम बातें
1. लोगों ने सोचा, अंग्रेज चले गए तो उनके कानूनों से मुक्ति मिलेगी
PM मोदी ने कहा कि 2020 में इन 3 नए कानूनों का नोटिफिकेशन जारी हुआ था। इसके बाद कई जगह से सुझाव लिए गए। इसमें हाईकोर्ट के जजों और लोगों बात की गई। आजादी के 7 दशकों में न्याय व्यवस्था में आई चुनौतियों पर मंथन किया गया।
देश को 1947 में आजादी मिली। कई लोगों के बलिदान के बाद जब आजादी की सुबह आई तो कैसे-कैसे सपने थे, लोगों में कितना उत्साह थे। लोगों ने सोचा था कि अंग्रेज चले गए हैं तो अंग्रेजों के कानूनों से भी मुक्ति मिलेगी। यह कानून अंग्रेजों के शोषण करने का जरिया थे, जिनसे वह भारत में अपनी सत्ता मजबूत करना चाहते थे।
2. IPC भारतीयों को दंड देने के लिए बनाई थी
पीएम ने कहा कि अंग्रेजों के खिलाफ हमारे देश में 1857 में विद्रोह शुरू हुआ था। उसके बाद 1860 में अंग्रेजों ने आईपीसी बनाई। इन कानूनों का मकसद था कि भारतीय को दंड दिया जाए, उन्हें गुलाम किया जाए। वहीं, देश की आजादी के दशकों के बाद उसी दंड संहिता के इर्द-गिर्द घूमते रहे। हालांकि इन कानूनों में थोड़ा-बहुत बदलाव जरूर हुआ, लेकिन इनका चरित्र वही बना रहा।
आजाद देश में गुलामों के लिए बने कानूनों को क्यों ढोया जाए। न हमने यह बात उनसे पूछी न ही शासन कर रहे लोगों ने समझी। इन्होंने भारत की विकास यात्रा को प्रभावित किया। वहीं, अब देश उस गुलामी से बाहरी निकले। इसके लिए राष्ट्रीय चिंतन आवश्वयक था। इसलिए 15 अगस्त को मैंने लाल किले से यह चीज लोग सामने रखी थी।
3. गरीब-मजदूर अब कोर्ट-कचहरी से नहीं डरेंगे
पीएम ने कहा कि गरीब व कमजोर लोग कानून के नाम से डरते थे। पहले वह लोग कोर्ट-कचहरी में कदम रखने से डरते थे, लेकिन अब भारतीय न्याय संहिता लोगों की इस मानसिकता को बदलने का काम करेगी।यही सच्चा सामाजिक न्याय है। जिसका भरोसा हमारे संविधान में दिलाया है। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा हर पीड़ित के प्रति संवेदनशीलता से परिपूर्ण है। देश के नागरिकों को इसकी बारीकियों का पता चलना भी उतना ही जरूरी है।
4. जीरो FIR को कानूनी बनाया, आरोपी का नाम पीड़ित की सहमति से हटेगा
यह कानून नागरिकों के अधिकारों के प्रोटेक्टर बन रहे हैं। पहले एफआईआर दर्ज करवाना मुश्किल होता है। अब जीरो एफआईआर को कानूनी रूप दिया गया गया है। पीड़ित को एफआईआर की कॉपी दी जाएगी। अगर आरोपी से कोई केस हटाना होगा तो पीड़ित की सहमति जरूरी होगी। किसी को भी पुलिस जबरदस्ती हिरासत में नहीं ले सकती है, उसके परिजनों को सूचित करना होगा।
5. बिना सजा लंबे समय तक आरोपी जेल में नहीं रहेंगे
अब आरोपियों को बिना सजा से लंबे समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता है। इसके अलावा नए कानूनों में कई नई चीजों को शामिल किया है। इसमें हर चीज टाइम बाउंड की गई है। नए कानूनों को लेकर जो जानकारियां आ रही हैं। वह उत्साह देने वाले है।
चंडीगढ़ में वाहन चोरी के केस में सिर्फ दो महीने में सजा सुना दी गई। क्षेत्र में अशांति फैलाने के आरोपी को 20 दिन में सजा सुना दी। दिल्ली में भी एक केस एफआईआर से सजा सुनाने में 60 दिन का समय लगा। बिहार के छपरा में मर्डर के केस दर्ज करने के बाद 14 दिन में सजा सुनाई गई। दोषियों को उम्रकैद हुई है।
6. फोन से सम्मन जाएंगे, डिजिटल तथ्य मान्य होंगे
अब दुनिया तेजी से बदल रही है। अपराधियों व अपराध के तौर तरीके बदले गए है। ऐसे में 19वीं सदी की व्यवस्था कैसे व्यावहारिक हो सकती है। ऐसे में यह बदलाव किया है। अब सीधे फोन पर लोगों को समन भेजे जाएंगे। डिजिटल तथ्य मान्य होंगे। चोरी के मामले में फिंगर प्रिंट का मिलान वीडियो के साथ यह कानूनी आधार होगा।
7. भ्रष्टाचार-आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई मजबूत होगी
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई भी इससे मजबूत होगी। देश का कानून नागरिकों के लिए होता है। पुरानी व्यवस्था का स्वरूप बदल गया था। नए कानून से देश की प्रगति मिलेगी। कानूनी अड़चनों से भ्रष्टाचार को लगाम लगाने में जो दिक्कत आती थी, वह दूर होगी। पहले विदेशी निवेशक इसलिए भारत नहीं आते थे कि कई कोई मुकदमा दर्ज हुआ तो सालों निकल जाएंगे।
8. नए कानूनों की खूब चर्चा होती है
पीएम ने कहा कि कुछ कानून जब बनते हैं तो बहुत चर्चा होती है, जैसे आर्टिकल 370 पर पर चर्चा हुई, तीन तलाक पर चर्चा हुई। अब वक्फ बोर्ड पर चर्चा चल रही है। जैसे आज अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस है। यह लोग भी हमारे ही परिवार के सदस्य थे।
पुराने कानूनों में इनके लिए ऐसे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया था, जिसे सभ्य समाज स्वीकार नहीं करता है। हमने ही दिव्यांग के लिए कानून बनाया। इसलिए मैं चाहता हूं कि हर विभाग, एजेंसी, पुलिस कर्मी नए प्रावधानों को जाने, उनकी भावनाओं को समझे। देश की सभी राज्य सरकारों से कहना चाहता हूं कि नए कानून को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए।
9. तीनों कानूनों का आधार मां चंडी
PM मोदी ने कहा कि चंडीगढ़ में आने से लगता है कि अपनों के बीच आ गया हूं। चंडीगढ़ की पहचान शक्ति स्वरूपा मां चंडी से जुड़ी है, यानी शक्ति का वह स्वरूप, जिससे सत्य व न्याय की स्थापना होती है। यही चीज तीनों कानूनों के प्रारूपों का आधार है, जब देश विकसित भारत का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। संविधान के 75 साल हुए हैं। ऐसे में यह एक बहुत बड़ी शुरुआत है।
10. हर राज्य चंडीगढ़ के डेमो को देखे
पीएम ने कहा कि मैं चाहूंगा कि चंडीगढ़ की तरह तीन कानूनों का लाइव डेमो हर राज्य की पुलिस को लोगों को दिखाने की कोशिश करनी चाहिए। PM मोदी ने आगे कहा कि देश के नागरिकों के लिए हमारे संविधान में जिन आदर्शों की कल्पना की गई थी, ये उन्हें पूरा करने में ठोस प्रयास है। यह कानून कैसे अमल में लाए जाएंगे, इसका मैंने लाइव डेमो देखा। मैं सभी से आग्रह करता हूं इस लाइव डेमो को जरूर देखें। नए कानूनों को बनाने की प्रक्रिया बहुत व्यापक रही। इसमें कई विद्वानों के सुझाव शामिल हैं।
नए कानूनों को लेकर अमित शाह की 4 अहम बातें
1. चंडीगढ़ तीनों कानून लागू करने वाला पहला राज्य
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- नए कानूनों से गुलामी की निशानी, क्रिमिनल सिस्टम से छुटकारा मिल पाया है। चंडीगढ़ नए कानूनों को पूरी तरह लागू करने वाला शहर बनने जा रहा है। चंडीगढ़ देश के राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में पहला राज्य बनेगा, जहां पूरी तरह से यह तीनों कानून लागू होंगे।
2. इन कानूनों की आत्मा भारतीय, इनका मकसद न्याय दिलाना
पुराने कानून 160 साल पुराने थे। ये अंग्रेजों ने बनाए गए थे। ये नागरिकों की जगह अंग्रेजों के शासन की सुरक्षा के लिए बने। नए कानून भारतीयों और उनकी सुरक्षा के लिए बने हैं। इससे सभी को न्याय मिलेगा। 3 साल में ये कानून पूरे देश में लागू हो जाएंगे। तारीखों (पेशी) से छुटकारा मिल जाएगा। इन कानूनों की सबसे बड़ी आत्मा भारतीय है और इनका मकसद भारतीय को न्याय दिलाना है।
3. तीन साल में पूरे देश में लागू होगा, दुनिया का सबसे बड़ा रिफॉर्म
तीन साल बाद हमारा क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम दुनिया का सबसे बेहतर सिस्टम होगा। यह दुनिया का सबसे बड़ा रिफॉर्म बनेगा। कानून बनाने के लिए 2019 में प्रक्रिया शुरू हुई थी। 160 से अधिक मीटिंग हुईं। ये 43 देशों के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की स्टडी है। 11 लाख से अधिक अफसरों को कानून को लागू करने के लिए ट्रेनिंग दी गई।
4. अब आतंकियों को फायदा नहीं मिलेगा
कानून में महिला व बच्चों के लिए अलग चैप्टर जोड़ा गया है। आतंकवाद व संगठित अपराध की परिभाषा तय की गई है। अब आतंकियों को फायदा नहीं मिलेगा। 90 दिन में पुलिस को प्रोग्रेस रिपोर्ट देनी होगी। जीरो FIR समेत कई चीजों के लिए थाने में जाने की जरूरत नहीं है। आने वाले 6 महीने में वन क्लिक ऑल डेटा बेस लागू कर देंगे।
PM को पुलिस की वर्किंग समझाई
इससे पहले, चंडीगढ़ की SSP कंवरदीप कौर ने PM मोदी, अमित शाह और पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया को पुलिस की वर्किंग के बारे में समझाया। PM के सामने हत्या का सीन प्रदर्शित किया गया। कंट्रोल रूम पर सूचना मिलने के बाद पुलिस का अगला कदम क्या होता है। सबूत व तथ्यों को जुटाने से लेकर तथ्यों को किस तरह प्रयोग किया जाता है, फोरेंसिक टीम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कैसे होगा, इसके बारे में बताया गया। आखिर में कोर्ट भी बनाया गया, जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी और आरोपियों को सजा दिलाने के बारे में बताया गया।
चंडीगढ़ में 900 FIR हुईं
पुलिस अधिकारियों ने PM को बताया कि चंडीगढ़ में नए कानूनों के मुताबिक 900 FIR दर्ज हुई हैं। 4 केसों में फैसला भी हो चुका है। सभी थाने कम्प्यूटराइज्ड हो चुके हैं। पुलिस के पास नई टेक्नोलॉजी आ गई है। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। लोगों को न्याय के लिए धक्के नहीं खाने पड़ेंगे।
नए कानूनों में लोगों को अधिकार दिया गया है कि वह जो भी भाषा जानते हैं, उसमें अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। उन्हें हिंदी या अंग्रेजी का ज्ञान होना जरूरी नहीं है। थाने में उनकी शिकायत जरूर ली जाएगी। लोग कहीं भी बैठकर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकेंगे। उन्हें थानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
यूथ कांग्रेस कार्यकर्ता हिरासत में
PM के आने से पहले सेक्टर-23 में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने चंडीगढ़ नगर निगम के लिए फंड की घोषणा करने के लिए प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और यूथ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक लुबाना, प्रदेश महासचिव कपिल चोपड़ा व अन्य को हिरासत में ले लिया।
news Source : DainikBhaskar