Star khabre, National; 22nd January : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के 10वें दिन एंकर और मॉडल Harsha Richharia के साध्वी रूप में महाकुंभ में शामिल होने को लेकर विवाद पैदा हो गया है। हर्षा, जो एंकरिंग और मॉडलिंग की दुनिया में एक जाना-पहचाना नाम थीं, ने अपने आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का फैसला लिया और अब वह साध्वी के रूप में महाकुंभ में नजर आईं। हालांकि, उनके इस रूप को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं और उन्हें लेकर कुछ साधु-संतों ने आलोचना भी की है।
“मैं साध्वी नहीं हूं, सनातनी हूं”: Harsha Richharia
Harsha Richharia ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह साध्वी नहीं हैं, बल्कि एक सनातनी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सनातनी और साध्वी होने में बहुत फर्क है। हर्षा ने एक पॉडकास्ट में कहा, “मैं बार-बार यह स्पष्ट कर रही हूं कि मैं साध्वी नहीं हूं। साध्वी बनने के लिए औपचारिक दीक्षा जरूरी है, जो मैंने नहीं ली है।” उनका कहना था कि सनातन धर्म में बहुत विविधताएं हैं और हर व्यक्ति को अपने आचार-व्यवहार में बदलाव करने का अधिकार है।
गृहस्थ जीवन में रहकर जो फैसले वह लें, वे बिलकुल सही
Harsha Richharia ने यह भी कहा कि अगर वह कभी जींस-टॉप पहनकर बाहर निकलती हैं, तो यह उनका व्यक्तिगत अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपने पहनावे या लुक पर किसी से कोई सवाल नहीं उठवाना चाहिए। हर्षा ने स्पष्ट किया, “मैं एक सामान्य इंसान हूं, और मेरे पास यह अधिकार है कि मैं लेंस लगाऊं, मेकअप करूं, या लिपस्टिक लगाऊं। यह मेरी व्यक्तिगत पसंद है, और इसका किसी से कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए।” हर्षा के अनुसार, उन्हें अपने जीवन के चुनावों पर किसी को टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है क्योंकि वह एक गृहस्थ हैं और गृहस्थ जीवन में रहकर जो फैसले वह लें, वे बिलकुल सही हैं।
महाकुंभ में साध्वी के रूप में उपस्थित होने पर था विवाद
महाकुंभ 2025, जो 13 जनवरी से शुरू हुआ है और 26 फरवरी तक चलेगा, भारतीय आस्था का एक प्रमुख पर्व है। इस दौरान लाखों लोग संगम में स्नान करने आते हैं और विभिन्न संत-महात्मा अपनी साधना में लीन रहते हैं। Harsha Richharia के साध्वी रूप में महाकुंभ में शामिल होने को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। कई लोग हैरान थे कि एक पूर्व एंकर और मॉडल ने अचानक साध्वी के रूप में दिखाई देना शुरू किया, जबकि कुछ ने इस कदम को सराहा भी। कुछ संतों ने हर्षा की आलोचना की और उनके पहनावे और तरीके को महाकुंभ के नियमों के खिलाफ बताया, जबकि कुछ ने उनका समर्थन भी किया। हर्षा ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि उन्हें अपने रास्ते पर चलने का पूरा हक है, बशर्ते वह सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों से बाहर न जाएं।
साध्वी के रूप में परिभाषित
Harsha Richharia का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के मऊरानीगंज से है, लेकिन वह पिछले 25 वर्षों से भोपाल में रह रहे हैं। हर्षा का कहना है कि उनका परिवार हमेशा से धार्मिक और आस्थावान रहा है, लेकिन उन्होंने अपने जीवन में साध्वी बनने का निर्णय नहीं लिया है। वह धार्मिकता को अपने जीवन में आत्मसात करने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह साध्वी के रूप में परिभाषित की जाएं।
उनका ध्यान मुख्य रूप से भक्ति और साधना पर
Harsha Richharia ने महाकुंभ में अपने अनुभवों को साझा किया और कहा कि इस अवसर पर वह अपनी आध्यात्मिक यात्रा को लेकर अधिक गंभीर हो गई हैं। उन्होंने बताया कि उनका ध्यान मुख्य रूप से भक्ति और साधना पर है, लेकिन यह पूरी तरह से उनके व्यक्तिगत जीवन के चुनाव हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह हर किसी के विचारों का सम्मान करती हैं, लेकिन अपनी आस्था और व्यक्तिगत पसंद में बदलाव करने का अधिकार उन्हे है।
News Source : PunjabKesari