Star khabre, Faridabad; 9th February : फरीदाबाद में सूरजकुंड मेले का आज तीसरा दिन है। यहां देश-विदेश आने वाले पर्यटकों भीड़ बढ़ने से मेले की रौनक बढ़ने लगी है। मेघालय से पहुंचे शिल्पकारों की ओर से तैयार बांस की ज्वेलरी महिलाओं को खूब पसंद आ रही है।
मेघालय निवासी हस्तशिल्पी टेस्बे ने बताया कि वह पहली बार 38वें सूरजकुंड मेले में आई है। उनके परिवार में कई पीढ़ी से बांस से उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। बचपन से ही उन्होंने अपनी मां को बांस काटकर लाते और फिर उससे विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट तैयार करते देखा है। उसकी मां ने ये कला दादी से सीखी थी। पहले वो सिर्फ बांस से टोकरी, घर के सजावटी सामान, कुर्सी आदि बनाती थीं, लेकिन उसकी मां ने बांस से महिलाओं के लिए ज्वैलरी बनाना शुरू किया।
ऐसे तैयार की जाती बांस की ज्वैलरी
बता दें कि बांस को पहले जंगल से काटकर लाने के बाद 5 दिन पानी में भिगोकर रखा जाता है, ताकि वो पूरी तरह से नरम हो जाए और किसी शेप में उसको ढाला जा सके। पानी से निकालने के बाद चाकू से बांस की बारीक-बारीक कटिंग की जाती है। उसके बाद उस कटिंग से महिलाओं के लिए इयररिंग, टॉप्स, नौलखा हार, कान की बाली समेत अन्य खूबसूरत आभूषण तैयार किए जाते हैं।
News Source : PunjabKesari