Star Khabre, Faridabad; 03rd May : वाइट कालर क्राइम का यह एक जीवंत उदाहरण है। इस ठगी की सारी स्क्रिप्ट एस आर एस रियल इन्फ्राटेक के डायरेक्टर जे के गर्ग ने लिखी है। उसकी नियत शुरू से ही खराब थी। उसने अपने दो गुर्गों अजय और धनज्जय जो उसके काले कारनामों में भागीदार हैं के साथ मिलकर यह साजिश रची। इन लोगों ने अपनी साजिश को अमली जामा पहनाने के लिए eBiz.com Private Ltd के मैनिजिंग डायरेक्टर ड़ॉ पवन मलहान से संपर्क किया और चिकनी चुपड़ी बातें कर उन्हें एस आर एस के साथ एक जॉइंट वेंचर करने का प्रोलोभन दिया। अजय और धनज्जय ने डॉ पवन मलहान का विश्वास जीतने के लिए उनकी मीटिंग जे के गर्ग से कराई। जिसने उन्हें बताया कि अगर वो पैसा एस आर एस के साथ मिलकर इन्वेस्ट करेंगे तो उनका बहुत फायदा होगा।
जे के गर्ग ने डॉ पवन मलहान को फसाने के लिए इतना परफेक्ट जाल बुना की डॉ मलहान इसमें फस गए। और ड़ॉ मलहान ने एस आर एस के साथ 28.03.2012 को एक MoU साइन किया और जे के गर्ग ने डॉ मलहान से करोड़ों रूपए ले लिए। उस पैसे से MoU के अनुसार एस आर एस को 10 एकड़ land खरीदनी थी। जिसमें से 6 एकड़ डेवेलप करके eBiz.com Private Ltd को देनी थी और 4 एकड़ डेवेलपमेंट के एवज में खुद रखनी थी। लेकिन क्योंकि जे के गर्ग और उसके साथियों की नीयत शुरू से खराब थी। इसलिए डॉ मल्हान से पैसा मिलने के बाद इन लोगो ने डॉ मल्हान को avoid करना प्रारंभ कर दिया। यहाँ तक की उनका फ़ोन उठाना भी बंद कर दिया। बार बार संपर्क साधने पर अजय और धनज्जय ने एस आर एस की तरफ से लेआउट प्लान दिया जो इस बात का द्योतक है कि धनज्जय एवं अजय जे के गर्ग के साथ इस धोखाधड़ी में बराबर के भागीदार हैं।
डॉ मलहान के बार बार कहने पर जे के गर्ग ने 25.07.2012 को लगभग 4 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री eBiz.com Private Ltd के नाम पर करा दी। यह भी जे के गर्ग की डॉ मलहान से और पैसा एठने की एक चाल थी। इसके बाद जे के गर्ग ने अपने गुर्गों एवं साथियों के साथ मिलकर उस जमीन को जिसकी रजिस्ट्री एस आर एस ने eBiz.com Private Ltd के नाम कराई थी उसे फिर से हड़पने की साजिश रची। एस आर एस ने अपने ही सहयोगियों हरजीत सिंह गुजराल एवं नरेंद्र कौर से एक केस उस जमीन की बवात eBiz.com Private Ltd पर करा दिया जिसमे हरजीत सिंह गुजराल उस जमीं पर अपना हक़ कहता है। और इस बात को SRS Support करता है। इतना ही नहीं जो जमीन SRS ने eBiz.com Private Ltd के नाम पर रजिस्टर कराई वो सारी डील dubious है। वो उसने अपने गुर्गों से ही खरीदी है और यह लम्बी चेन जे के गर्ग ने ईबीज को धोखा देने के लिए ही create की ताकि उसकी धोखाधड़ी एवं जालसाजी आसानी से पकड़ में ना आ सके।
जब इस बावत डॉ मलहान ने पुलिस में FIR दर्ज कराई तो पुलिस ने SRS के दबाव में FIR दर्ज नहीं की। मजबूर होकर डॉ मलहान ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और सारे तथ्य कोर्ट के सामने रखे। कोर्ट ने सारे तथ्यों को examine करने के बाद जे के गर्ग एवं 15 अन्य लोगों के विरूद्ध FIR दर्ज करने के आदेश दिए। लेकिन पुलिस और एस आर एस की सांठ गाँठ इतनी गहरी है कि Magistrate के आदेश करने के बाद भी SHO ने FIR रजिस्टर करने में आनाकानी की और लगभग दस दिन बाद 30.03.2017 को FIR no.149/2017 PS Sector 31, फरीदाबाद में रजिस्टर की गई।
आज भी इसकी इन्वेस्टीगेशन नहीं की जा रही है। येन केन प्रकारेण शिकायतकर्ता को हैरान परेशान किया जा रहा है। पद का दुरुपयोग कर मुलजिमान को फायदा पहुँचाया जा रहा है।