Shikha Raghav, Faridabad; 02ndMarch : सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अरावली क्षेत्र में खनन पर रोक लगी हुई है लेकिन उसके बावजूद फरीदाबाद अरावली क्षेत्र में खनन जारी है। हालांकि यह कोई नई बात नहीं है कि अरावली क्षेत्र में खनन प्रतिबंधित होने के बावजूद पत्थर चोरों द्वारा किया जा रहा है लेकिन इस बार खास बात यह है कि फरीदाबाद जिले के एक विधायक ने पत्थर चोरी करने का एक नायाब तरीका ढूंढ निकाला है। विधायक ने पत्थर चोरी करने के लिए इस बार अपना निशाना सरकारी स्कूल को बनाया है।
मामला कुछ इस प्रकार है कि गांव नवादा स्थित एक सरकारी स्कूल का मैदान कंटीले दार झांडियों से अटा पड़ा होने के साथ साथ उबड़ खाबड़ था। स्कूल प्रिंसिपल द्वारा कई बार अपने विभाग को इस बारे में सूचित किया लेकिन विभाग ने इस ओर कोई रूचि नहीं दिखाई। अब जब यह बात जिले के एक इनेलो विधायक जी के पास पहुंची तो उन्हें पत्थर चोरी का एक नायाब तरीका सूझा।
दरअसल गांव नवादा अरावली क्षेत्र में आता है। गांव नवादा में सरकारी स्कूल लगभग 2 एकड़ जमीन पर स्थित है जिसमें थोड़े से हिस्से में स्कूल की ईमारत का निर्माण है। जबकि शेष सारा क्षेत्र खाली है। स्कूल प्रबंधन के अनुसार स्कूल का मैदान कंटीली झांडियों से अटा पड़ा था और समतल भी नहीं था। उन्होंने इसकी शिकायत शिक्षा विभाग में की थी लेकिन वहां से कोई जबाव नहीं आया। इसके बाद उन्होंने नगर निगम में भी इसको ठीक कराने की गुहार लगाई, लेकिन वहां से भी कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई। स्कूल के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब स्कूल समतल नहीं था, तो इनेलो विधायक के कुछ समर्थक स्कूल प्रिंसिपल से आकर मिले और स्कूल मैदान को उन्होंने अपने स्तर पर समतल कराने की बात कही। इस पर स्कूल प्रिंसिपल ने डीईईओ को स्थिति से अवगत कराकर कार्रवाई करने की इजाजत मांगी तो डीईईओ ने इजाजत दे दी।
अब पत्थर चोरी का खेल यहां से शुरू हुआ। स्कूल समतल करने के नाम पर पत्थर चोरी करने के लिए मैदान को खोदकर पत्थर निकालना शुरू कर दिया गया। मैदान को करीब 20 फुट गहरा खोद कर उसमें से बेशकीमती पत्थर निकाल लिया गया। हैरानी वाली बात यह है कि जिस मैदान को समतल करने की बात की जा रही थी, उसे तो तीन से चार फुट मिट्टी डालकर भी समतल किया जा सकता था। फिर उस मैदान को स्कूल में जेसीबी लाकर 20 फुट गहरा खोदने की क्या आवश्यकता थी।
सोचने वाली बात यह है कि इस मैदान को समतल करने के लिए जहां पहले मात्र तीन से चार फुट मिट्टी डालने की आवश्यकता थी, वहां अब 20-20 फुट गहरे गड्ढो को भरने के लिए और मैदान को समतल करने के लिए करीब 24-25 फुट मिट्टी डालनी होगी।
अब यदि स्कूल की मौजूदा स्थिति के बारे में चर्चा की जाए तो स्कूल का मैदान 20-20 फुट गहरा खोद कर उसमें से पत्थर निकाला जा चुका है। पत्थर निकालने के बाद पत्थर चोरों ने मैदान को समतल करना तो दूर बल्कि स्कूल के मैदान में गहरे-गहरे गड्डे करके छोड़ दिया है। गौर करने वाली बात यह है कि यह एक प्राइमरी स्कूल है। इस स्कूल में नन्हें विद्यार्थी पढऩे आते हैं। अब यदि खेलते समय कोई नन्हा विद्यार्थी इन गहरे गड्डों का शिकार हुआ तो जिम्मेदारी किसकी होगी।
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि स्कूल प्रिंसिपल से जो विधायक समर्थक लोग मिलने आए थे, वह न तो किसी एनजीओ से संबंधित थे और न ही सामाजिक संस्था से संबंधित थे। इतना ही नहीं शिक्षा विभाग ने किस व्यक्ति को या संस्था को स्कूल के मैदान को समतल करने की अनुमति दी, इस बारे में भी कोई कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। वहीं इस मामले की अभी तक अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है कि स्कूल से विधायक के नाम पर इस पूरे खेल को अंजाम देने वाले व्यक्ति विधायक के थे या नहीं।
इस मामले में जब स्कूल प्रिंसिपल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विधायक नगेन्द्र भड़ाना का नाम लेकर कुछ लोग उनसे मैदान समतल कराने के लिए मिलने आए थे। स्कूल के हित में कार्य की बात सुनकर उन्होंने शिक्षा अधिकारियों से इस बारे में कार्रवाई करने की इजाजत मांगी थी। डीईईओ से इजाजत मिलने के बाद यह कार्य शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि इसके पीछे पत्थर चोरी का कोई खेल चल रहा है या नहीं।