Shikha Raghav (Starkhabre), Faridabad; 07th May : रविवार को भाजपा की नामांकन रैली के बाद पूरे लोकसभा क्षेत्र में बस एक ही चर्चा चल रही है कि क्या भाजपा के जिलाध्यक्ष राजकुमार वोहरा को लोकसभा चुनाव के बाद बदल दिया जाएगा। हालांकि इसे लेकर भाजपा का कोई भी पदाधिकारी कुछ खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। इस पूरे घटनाक्रम पर कोई जिलाध्यक्ष राजकुमार वोहरा की गलती बता रहा है तो कोई भाजपा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर की।
दरअसल रविवार को भाजपा द्वारा अपने प्रत्याशी के नामांकन से पूर्व संध्या पर विजय संकल्प नामांकन रैली का आयोजन किया गया। रैली के दौरान जब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का हुक्का देकर सम्मान किया जा रहा था, तभी उस वक्त भाजपा जिलाध्यक्ष राजकुमार वोहरा भी फोटो खिंचवाने वहां पहुंच गए। अभी राजकुमार वोहरा ने हुक्के को हाथ ही लगाया था कि इतने में ही भाजपा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर ने उनका हाथ झटक दिया और उन्हें मंच पर ही डांट दिया। हालांकि उन्होंने क्या कहा, यह तो मंच के सामने खड़ी भीड़ नहीं सुन पाई लेकिन कृष्णपाल गुर्जर के बोलने के अंदाज से इतना जरूर समझ आया कि वह उन्हें डांट लगा रहे हैं।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद शहर में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। कोई इसे पंजाबी समाज की बेईज्जती बता रहा था, तो कोई जिलाध्यक्ष को इस तरह डांटना गलत करार दे रहा था। वहीं कुछ भाजपाई ऐसे भी थे जो यह कहते भी दिखे कि जिलाध्यक्ष को उस समय वहां फोटो खिंचवाने के लिए नहीं खड़े होना चाहिए था। इस घटनाक्रम को लेकर जब भाजपा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर से मीडिया ने पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्होंने सिर्फ जिलाध्यक्ष को सीधे खड़े रहने के लिए बोला था। बाकी ऐसा कुछ नहीं है।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद अभी तक जिलाध्यक्ष राजकुमार वोहरा की तरफ से मीडिया के समक्ष कोई बयान सामने नहीं आया है। सूत्र बताते हैं कि राजकुमार वोहरा भी भाजपा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर के इस तरह के बर्ताव को लेकर काफी दुखी हैं। इसलिए उन्होंने रविवार रात्रि से सोमवार दोपहर तक अपना मोबाईल स्विच ऑफ रखा। इतना ही नहीं वह भाजपा प्रत्याशी के साथ नामाकंन की प्रक्रिया के दौरान भी कहीं नहीं दिखाई दिए। भाजपा प्रत्याशी जब नामांकन से पूर्व तिलपत में बाबा सूरदास मंदिर पहुंचे थे, वहां भी उनके साथ भाजपा जिलाध्यक्ष नहीं दिखाई दिए।
इस पूरे घटनाक्रम के दो दिन बाद भी शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म है। चर्चा है कि लोकसभा चुनाव के बाद जिलाध्यक्ष बदल दिए जाएंगे। कोई कह रहा है कि राजकुमार वोहरा भाजपा प्रत्याशी को पसंद नहीं है तो कोई कह रहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर कार्यकारिणी बदेलेगी तो निश्चित है कि प्रदेश और जिले में भी पदाधिकारी बदलेंगे।