Star khabre, Chandigarh; 13th March : शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की कार्यकारिणी की आगामी बैठक 17 मार्च को चंडीगढ़ में होगी। उम्मीद है कि इस बैठक में एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी के इस्तीफे पर फैसला लिया जा सकता है। एसजीपीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुजीत सिंह विर्क ने बैठक के एजेंडे के बारे में तो नहीं बताया, लेकिन संकेत दिए कि कमेटी से जुड़े मामलों पर चर्चा होगी।
खास बात यह है कि इस बार बैठक अमृतसर की बजाय चंडीगढ़ में हुई है। चार बार एसजीपीसी के प्रधान रह चुके हरजिंदर सिंह धामी ने करीब एक महीने पहले नैतिक आधार पर इस्तीफे की पेशकश की थी। यह कदम तब उठाया गया जब पूर्व अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सोशल मीडिया पर ज्ञानी हरप्रीत सिंह को तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार पद से हटाए जाने के तरीके की आलोचना की।
इस्तीफे के बाद प्रधान धामी को मनाने की भी काफी कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने इस्तीफा वापस लेने से साफ इनकार कर दिया। प्रधान पद से इस्तीफे के अलावा उन्होंने 7 सदस्यीय समिति से भी इस्तीफा दे दिया है जिसका गठन श्री अकाल तख्त ने 2 दिसंबर को अकाली दल के पुनर्गठन के लिए किया था।
पिछली बैठक और संभावित निर्णय
7 मार्च को हुई पिछली कार्यकारी बैठक में धामी के इस्तीफे पर निर्णय टाल दिया गया था, जबकि ज्ञानी रघबीर सिंह और ज्ञानी सुल्तान सिंह को तख्त श्री अकाल तख्त साहिब और श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार पद से हटा दिया गया था। ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज को तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार के रूप में नियुक्त करते हुए श्री अकाल तख्त साहिब का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था।
एसजीपीसी के निर्णय का विरोध करने वाले तीन सदस्यों ने साफ किया था कि एजेंडे में जत्थेदारों को बर्खास्त करने व नई नियुक्तियों के कोई जिक्र नहीं था।
जानें एसजीपीसी के बारे में
एसजीपीसी भारत में पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के गुरुद्वारों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार संगठन है। यह धार्मिक स्थलों की सुरक्षा, वित्तीय प्रबंधन, सुविधा रखरखाव और धार्मिक पहलुओं का प्रबंधन करता है, साथ ही ऐतिहासिक और पवित्र वस्तुओं का संरक्षण भी करता है।
हरजिंदर सिंह धामी ने 29 नवंबर 2021 को एसजीपीसी के 31वें अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था। वे 1996 से होशियारपुर के शाम चुरासी निर्वाचन क्षेत्र से एसजीपीसी के सदस्य हैं।
News Source : DainikBhaskar