Star khabre, Chandigarh; 5th November : चंडीगढ़ नगर निगम का वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम फेल साबित हो रहा है। यहां पर सेक्टर 25 और डड्डूमाजरा में कूड़ा निस्तारण के लिए दो प्लांट लगाए गए हैं। इसके बावजूद 70 टीपीडी कचरा डंपिंग साइट पर डाला जा रहा है। इससे संबंधित विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। घर-घर कचरा संग्रहण और सूखे और गीले कचरे को अलग करने में कमियों के चलते नगर निगम का इंजीनियरिंग विभाग भी चिंतित है। यह सब कार्रवाई एनजीटी में सुनवाई को देखते हुए की जा रही है।
तेजी से बढ़ रही है कूड़े का मात्रा
विभाग द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रोसेसिंग प्लांट में सूखे और गीले कचरे की मात्रा तेजी से बढ़ रही है, जबकि सूखे और गीले कचरे का सेपरेशन घटता जा रहा है। इस गड़बड़ी को सुधारने के लिए जल्द ही ठोस कदम उठाने की जरूरत बताई गई है, खासकर एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) की सुनवाई से पहले।
संयंत्रों में गैर-पृथक कचरे का अंबार
इंजीनियरिंग विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक महीने से प्रोसेसिंग प्लांट में भेजा जा रहा कचरा बिना अलग-अलग किए आ रहा है। नगर निगम ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र भेजा है, जिसमें कचरे के पृथक संग्रहण और इसके अलग-अलग प्रोसेसिंग की व्यवस्था में सुधार लाने का अनुरोध किया गया है।
वर्तमान में सेक्टर 25 और डड्डूमाजरा स्थित दो प्रसंस्करण संयंत्र ही पृथक सूखे और गीले कचरे प्रोसेसिंग करने में सक्षम हैं। इसके बावजूद औसतन 70 टीपीडी मिश्रित कचरा डंपिंग साइट पर डाला जा रहा है। ऐसे में, इन संयंत्रों को अलग-अलग कचरे की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मशीनरी लगाने का प्रस्ताव दिया गया है, जिसकी क्षमता 100 टीपीडी होगी और इसे 30 नवंबर तक चालू किया जाएगा।
एनजीटी के सामने मामले की सुनवाई
नगर निगम के मुख्य अभियंता ने मेडिकल अधिकारी को लिखे पत्र में बताया कि 13वीं एसडब्लूएम (सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट) समीक्षा बैठक में पाया गया कि डंपिंग साइट पर बड़ी मात्रा में मिश्रित कचरा पहुंच रहा है। ऐसे में, एनजीटी को सही स्थिति का रिपोर्टिंग करने और संभावित वित्तीय जुर्माने से बचने के लिए, नगर निगम को कचरे के सेपरेशन की प्रक्रिया को सही तरीके से अमल में लाने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
डड्डूमाजरा संयंत्र की क्षमता बढ़ाने का प्रस्ताव
डड्डूमाजरा स्थित संयंत्र की क्षमता 200 टीपीडी है, जिसे पूरी तरह से पृथक कचरे की आपूर्ति के लिए डिजाइन किया गया है। अधिकारी ने कहा कि गीले और सूखे कचरे के पृथक्करण को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है ताकि शहर में कचरे का सही प्रसंस्करण हो सके और डंपिंग साइट पर कचरे की डंपिंग रोकी जा सके।
News Source : DainikBhaskar