Star khabre, Faridabad; 14th September : सीजेएम कम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव ऋतु यादव ने कहा कि आज शनिवार को हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन एवं न्यायमूर्ति पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट चंडीगढ़ अरुण पल्ली के दिशा निर्देशानुसार हरियाणा प्रांत में प्रत्येक जिला में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला के सत्र न्यायाधीश एवं चेयरमैन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संदीप गर्ग की अध्यक्षता एवं दिशा निर्देश पर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जहां विभिन्न अदालतों में विचाराधीन केसों का लोगों की आपसी सहमति निपटारा किया गया है।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऋतु यादव की देखरेख में आज जिला अदालत सेक्टर -12, में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 15 बेंच लगाए गए थे, जिनमें अमृत सिंह अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, पुरुषोत्तम कुमार अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, विजय जेम्स अतिरिक्त प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट, संदीप यादव अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, अविनाश यादव न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, प्रगति राणा न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, अनिल कुमार न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, निधि न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, सौरभ शर्मा न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, सिद्धार्थ कपूर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, नीतिका भारद्वाज न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, तरुण चौधरी न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी वीरेंद्र कुमार न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सारिका न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी पारस चौधरी न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी की बेंच बनाई गई जिनमें 63216 केस रखे गए जिनमें से कुल 48120 केसों का निपटारा आपसी सहमति से लोक अदालत द्वारा किया गया जिनमें मोटर वाइकल दुर्घटना 88 छोटे-मोटे अपराधिक मामले 9511, चेक बाउंस 1752 बिजली से संबंधित 532 समरी चालान 29426 श्रमिक विवाद 25 केस, 293 वैवाहिक संबंधित, दीवानी 1283, बैंक रिकवरी 900 रेवेन्यू 4310 साइबर क्राइम 114 का निपटारा आपसी सहमति से किया गया और सभी व्यक्ति अपने अपने कैस के फैसले से संतुष्ट होते हुए खुशी-खुशी अपने घर गए।
सीजेएम ऋतु यादव ने बताया कि आज की लोक अदालत में लोगों का ट्रैफिक केसों को लेकर लोगों का काफी रुझान रहा। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक ट्रैफिक चालान से संबंधित केसों का निपटारा किया गया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में फैसला होने पर जिसकी सुप्रीम कोर्ट तक कोई अपील नहीं होती। वहीं लोगों की कोर्ट फीस वापस हो जाती है तथा केस का फैसला हमेशा हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है। जिससे लोगों के पैसे व समय की बचत होती है तथा आपस में सामाजिक सरोकारों के प्रति प्रेम भाव बना रहता है। राष्ट्रीय लोक अदालत में केस का फैसला होने पर जिसकी सुप्रीम कोर्ट तक कोई अपील नहीं होती कोर्ट फीस वापस हो जाती है। केस का फैसला हमेशा हमेशा के लिए हो जाता है। जिससे पैसे व समय की बचत होती है तथा आपस में प्रेम भाव बना रहता है।