Star Khabre, Faridabad; 18th May: तनाव, धूम्रपान और खराब जीवन शैली के कारण बड़ी संख्या में युवा उच्च रक्तचाप की बीमारी से पीड़ित मिल रहे हैं। जिला नागरिक अस्पताल में प्रतिदिन इस बीमारी के 180-200 मरीज पहुंच रहे हैं। वहीं, वर्ष 2022 की बात की जाए तो मरीजों की संख्या प्रतिदिन 100-150 थी। साल दर साल मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। महिलाओं के मुकाबले 60 प्रतिशत पुरुष बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।नागरिक अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि बदलती जीवनशैली के साथ वर्तमान में लोगों के जीवन में परेशानी और तनाव बढ़ रहा है। ऐसे में खान-पान भी असंतुलित हो रहा है। लोग धूम्रपान की ओर बढ़ रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की है। यही कारण है कि उच्च रक्तचाप के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसके अलावा पौष्टिक आहार न लेना और फास्ट फूड का अधिक सेवन, बढ़ता मोटापा भी इस बीमारी के कारण हैं। उच्च रक्तचाप असंचारी रोग है, यह किसी भी प्रकार से संक्रामक नहीं हैं, लेकिन समय पर इलाज न हो तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।
महिलाओं के मुकाबले पुरुष रोगियों की संख्या ज्यादा
उच्च रक्तचाप का शिकार महिला और पुरुष दोनों हो रहे हैं। लेकिन पुरुषों की संख्या महिलाओं के मुकाबले ज्यादा है। पुरुष मरीजों की संख्या 60 फीसदी और महिला मरीजों की संख्या 40 फीसदी है। पहले यह बीमारी 50 के बाद होती थी, लेकिन अब युवाओं को बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रही है। बीके अस्पताल में प्रतिदिन 180-200 मरीज पहुंच रहे हैं। इलाज में लापरवाही और खानपान पर ध्यान नहीं देने के कारण यह बीमारी खतरनाक साबित हो सकती है। बीमारी से बचाव के लिए नियमित व्यायाम, क्षमता अनुसार शारीरिक मेहनत, समय पर आराम करना चाहिए। बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से संपर्क करें और उनके द्वारा बताई गई दवाइयों का सेवन बेहद जरूरी है।
यह लक्षण दिखें तो हो जाएं सावधान
सिरदर्द, सांस फूलना, थकान या भ्रम, छाती में दर्द, पसीने आना,घबराह होना, धुंधला नजर आना और उल्टी इसके प्रमुख लक्षण है। खराब जीवन शैली और मादक पदार्थों का अत्यधिक प्रयोग रक्तचाप का सबसे प्रमुख कारण है। ऐसे में लोगों को ध्यान देने की आवश्यकता है।
News Source: AmarUjala