Shikha Raghav, Faridabad; 29th December : फरीदाबाद नगर निगम चुनाव में वार्ड नंबर-12 से एक प्रत्याशी चित्रांगना गौतम ने अपने वार्ड में भाटियों की वोट पाने के लिए एक नया पैतरा खेला है। दरअसल वार्ड नंबर-12 एससी महिला के लिए इस बार आरक्षित है इसलिए एससी वर्ग की महिलाएं इस क्षेत्र में अपना भाग्य अजमा रही हैं। इसी बीच एक प्रत्याशी चित्रांगना गौतम भी वार्ड नंबर-12 से खड़ी हैं।
सोशल मीडिया पर वायर हुई एक पोस्ट में वार्ड नंबर-12 से खड़ी चित्रांगना गौतम ने अपने नाम के आगे भाटिया भी लिख दिया है। वायरल हुई पोस्ट के बाद लोगों में चर्चा है कि चित्रांगना ऐसा करके भाटिया मतदाताओं के वोट रिझाना चाहती हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि चित्रांगना अपने नाम के आगे दो-दो उपनाम कैसे लिख सकती है यानि गौतम और भाटिया। तो आपको बता दें कि चित्रांगना का यह भाटिया उपनाम उसे न तो अपने मायके से मिला है और न ही अपनी ससुराल से लेकिन हां उन्हें यह नाम अपनी सास से मिला है क्योंकि उनकी सास अपने मायके से भाटिया परिवार से है और उनकी शादी गौतम परिवार में हुई है।
जी हां अब आप जो आप सोच रहे हैं कि सास के मायके का उपनाम यानि भाटिया चित्रांगना कैसे प्रयोग कर सकती हैं। यानि चित्रांगना ने सिर्फ और सिर्फ भाटिया मतदाताओं को रिझाने के लिए यह पैतरा खेला है ताकि जिन भाटिया लोगों को उनके इस राज के बारे में नहीं पता वह भाटिया सोच उन्हें वोट दे दे। यानि अब राजनीति इस स्तर पर उतर आई है कि वोट हासिल करने के लिए अपनी सास के उपनाम का सहारा लिया जा रहा है। जबकि वंश का उपनाम पिता के उपनाम से चलता आया है।
इसे देखकर तो लोग यह भी आपस में चर्चा कर रहे हैं कि सच में आज राजनीति में नेता वोट पाने के लिए नेता कुछ भी करने से नहीं चूकते। खैर जो भी हो चित्रांगना ने भाटिया उपनाम के लोगों को रिझाने के लिए पैतरा तो अच्छा खेला है अब देखना यह है कि भाटिया उनके इस पैतरें में फंसते हैं या अपनी सूझ-बूझ का इस्तेमाल करते हैं। यह फैसला तो अब आने वाली 8 तारीख ही बताएगी।