Star khabre, Faridabad; 27th August : भगवान श्रीकृष्ण का जीवन अद्भुत संयोगों से भरा रहा है लेकिन उनका हर संयोग मानव जाति के लिए एक प्रेरणा बन गया। यह बात जगदगुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने भक्तों के बीच कही। वह श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम श्री सिद्धदाता आश्रम में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण धर्म के, अर्जुन संशय के और दुर्योधन अधर्म के प्रतीक हैं। हमें इनका चरित्र पढक़र समझ आएगा कि जीवन कैसे जिया जाए। हम श्रीकृष्ण भगवान की गीता को पढ़ें तो जीवन के समस्त समस्याएं खुद ही समाप्त हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि गीता हमें धर्मनीति, कूटनीति और कर्मनीति सिखाती है। आज के युग में इससे सरल, सुलभ और सटीक ग्रंथ मिलना ही मुश्किल है। स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने बताया कि मानव इसमें फंस जाता है कि हम क्या करें, भक्ति करें या कर्म करें लेकिन इसका सबसे सरल उपाय तो शरणागति ही है। आप भगवान की शरण होकर करें और उन्हें ही समर्पण करें तो अनेक समस्याएं स्वत: ही नष्ट हो जाएंगी।
उन्होंने भक्तों से कहा कि संसार में रहकर अपने धर्मानुसार कर्म करें। यही समत्व योग है। बिल्कुल भी दाएं बाएं होने की जरूरत नहीं है। भगवान सभी पर कृपा करने वाले हैं। इस अवसर पर उन्होंने भगवान के जन्म की परंपरा का निर्वहन किया और भक्तों के कल्याणार्थ प्रार्थना की। इस अवसर पर हरियाणा सरकार में मंत्री सीमा त्रिखा, विधायक नीरज शर्मा, पूर्व मंत्री विपुल गोयल, पूर्व आईएएस अशोक शर्मा आदि प्रमुख व्यक्ति भी कार्यक्रम में पहुंचे। कार्यक्रम में पहुंचे हजारों भक्तों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, झांकियों एवं भंडारे का लाभ लिया वहीं सभी ने विशेष रूप से बनाई गई पंजीरी का प्रसाद भी दिया गया।
श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में धूमधाम के साथ मनाई गई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
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