Star khabre, Faridabad; 29 july : सूरजकुंड रोड स्थित श्री सिद्धदाता आश्रम में आज दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें जगदगुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने करीब 200 लोगों को नामदान प्रदान किया।
इन भक्तों को भगवान के शरणागत करने के बाद उन्होंने सभी से भगवान के प्रति संकल्प दिलवाया। संकल्प लेने वाले भक्तों से उन्होंने कहा कि भगवान के प्रति शरणागत होकर कहें और मन, वचन कर्म से मानें कि मैं तेरा हूं और तू मेरा है। मैं आज से आपकी शरणागति स्वीकार करता हूं। हे प्रभु हमारे अपराधों को क्षमा कीजिए और सदा के लिए अपनी शरण में लीजिए। गौरतलब है कि श्री रामानुज परंपरा में भक्त और भगवान का मिलाप कराने वाले गुरुजन का स्थान सर्वोच्च माना जाता है। इसलिए इसे आचार्य संप्रदाय के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना गया है कि रामानुज स्वामी ने भगवान से इस बात का वरदान प्राप्त किया था कि जिसे भी वह वैष्णव बनाएंगे, उसे धर्म अर्थ काम और मोक्ष प्रदान करेंगे। रामानुज परंपरा में शरणागति को सर्वोच्च महत्व दिया गया है वहीं कैंकर्य भाव से सेवा को भी ऊंचा स्थान माना गया है। श्री सिद्धदाता आश्रम इसका एक श्रेष्ठ उदाहरण है।
इस अवसर पर स्वामीजी ने भक्तों को प्रवचन कहे और उन्हें भगवान के शंख चक्र बाजुओं में प्रदान किए। उन्होंने सभी नए दीक्षार्थियों को कान में जप के लिए नाम भी प्रदान किया। इससे पहले सभी ने सामूहिक यज्ञ में भागीदारी की। वहीं सभी ने आज से नवीन जीवन के लिए नया आध्यात्मिक नाम भी प्राप्त कर प्रसन्नता पूर्वक स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज को अपना गुरु वरण कर विदा हुए। सभी को 21 जुलाई को श्री सिद्धदाता आश्रम में आयोजित होने वाले गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम में भागीदारी करने का संदेश भी दिया गया। सभी ने सुमधुर भजनों का आनन्द उठाया
श्री सिद्धदाता आश्रम में आयोजित दीक्षा समारोह में 200 को मिला नामदान
Leave a comment
Leave a comment