श्री सिद्धदाता आश्रम में आयोजित दशहरा पर्व पर हवन, सत्संग में जुटे हजारों भक्त
Star Khabre, Faridabad; 12th October : सेक्टर 44 स्थित श्री सिद्धदाता आश्रम एवं श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में आज दशहरा पर्व का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि अहंकार को आज ही छोड़ दो। सतकर्म में भी अहंकार कर लिया तो उसका फल नकारात्मक हो जाएगा। इस अवसर पर देश विदेश के हजारों भक्तों ने हवन में समिधा डाली और सत्संग में भागीदारी कर जीवन धन्य किया।
श्री सिद्धदाता आश्रम में नवमी को आयोजित होने वाले दशहरा पर्व पर स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने अनेक प्रसंगों द्वारा भक्तों को समझाया कि अहंकार, क्रोध और लोभ मानव के शत्रु हैं। यहां तक कि किसी सकारात्मक कार्य में भी अहंकार होने पर उसका फल नकारात्मक हो जाता है। अहंकारी का पतन निश्चित है जैसे रावण का हुआ, कंस का हुआ, दुर्योधन का हुआ। वहीं क्रोध व्यक्ति के विवेक को नष्ट कर देता है। जिससे व्यक्ति पशुसमान हो जाता है। उन्होंने कहा कि लोभ भी व्यक्ति के पतन का कारण बनता है। लोभी व्यक्ति माया के जाल में फंसा रहता है। जिससे उसे अच्छे बुरे का अंतर पता नहीं रहता है।
स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने बताया कि इन सब विकारों से बचने के लिए सेवा और सुमिरण प्रमुख उपाय हैं। सेवा से मन निर्मल होता है और सुमिरण करने से भक्त मायापति परमात्मा की कृपा प्राप्त करता है जिससे माया उसे अपने काबू में नहीं कर पाती है। इस अवसर पर उन्होंने कई भजनों के माध्यम से भी भक्तों को प्रसंग समझाए। इस अवसर पर आयोजित हवन में उन सहित हजारों भक्तों ने समिधाएं डालीं। भजन, भोजन प्रसाद एवं समिधा का चक्र देर शाम तक चलता रहा। जिससे सूरजकुंड रोड पर दिन भर चहल पहल बनी रही। इस अवसर पर आश्रम की ओर से नववर्ष के कलैंडर व आश्रम के परिचय रूप में एक पुस्तिका का भी लोकार्पण आचार्यजी ने किया।