Star Khabre, Faridabad; 10th October : फरीदाबाद के नेताओं को शहर के विकास कार्यों पर ध्यान देना चाहिए लेकिन कुछ नेता इसके विपरीत चल रहे हैं जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। नेताओं को मंदिर मस्जिद के नाम पर आपस में लड़ाने का कोई हक़ नहीं बनता । ये विचार अनशनकारी बाबा रामकेवल ने सिद्ध पीठ मंदिर के पदाधिकारियों संग बातचीत करते हुए व्यक्त किये । उन्होंने कहा कि नेताओं के दखल के बाद इस मंदिर पर प्रशासन का कब्ज़ा होने वाला है जिससे साबित होता है अधिकारी नेताओं के दबाव में कुछ भी कर सकते हैं । बाबा ने फरीदाबाद के नेताओं और अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि मंदिर पर राजनीति की गयी तो फरीदाबाद के साधु संत चुप नहीं बैठेंगे । बाबा ने कहा कि अगर मंदिर पर प्रशासन ने कब्ज़ा किया तो वो अनशन पर बैठेंगे।
फरीदाबाद के एक नंबर बाजार स्थित सिद्धपीठ मंदिर में चौधराहट को लेकर कोर्ट में मामला चल रहा था और अब इस मंदिर पर प्रशाशन का कब्ज़ा किसी भी वक्त हो सकता है। कई संस्थाओं ने इस बार एक नंबर दशहरा मैदान में रावण न जलाने का फैसला लिया है। रविवार दोपहर बारह बजे मंदिर के बाहर शहर की सभी धार्मिक सामाजिक संस्थाएं एकत्रित होकर आगे की रणनीति का एलान करेंगी । इस बैठक में फरीदाबाद की सभी राजनीतिनिक पार्टियों को आमंत्रित किया गया है जिनमे पूर्व मंत्री एवं पलवल के विधायक करण सिंह दलाल, तिगांव के विधायक ललित नागर, पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह एवं शिव चरण लाल शर्मा पूर्व मुख्य संसदीय सचिव कुमारी शारदा राठौर, विधायक नागेन्द्र भड़ाना पूर्व विधायक आनंद कौशिक, लखन सिंगला, आम आदमी पार्टी के आभाष चंदीला, कांग्रेसी नेता सुमित गौड़, नीरज शर्मा एवं विकास चौधरी, आप नेता धरम बीर भड़ाना आदि प्रमुख हैं। रविवार की बैठक के आयोजकों ने बताया कि भाजपा की राजनीति के कारण मंदिर पर प्रशासक बैठाया जा रहा है इसलिए रविवार को सांसद एवं स्थानीय विधायिका का पुतला भी जलाया जाएगा ।