Star khabre, Haryana; 25th January : हरियाणा के CM नायब सैनी ने सफाई कर्मचारियों के साथ अपना जन्मदिन मनाया। हुआ यूं कि पंचकूला व आसपास के क्षेत्रों से सफाईकर्मी सैनी को बधाई देने चंडीगढ़ स्थित CM निवास संत कबीर कुटीर में उन्हें बधाई देने पहुंचे। सैनी ने गर्मजोशी से स्वागत किया और फिर नाश्ते के लिए अंदर बुला लिया। फिर CM और उनकी पत्नी सुमन सैनी ने उनके साथ एक टेबल पर बैठकर नाश्ता किया।
सफाई कर्मचारी CM के इस व्यवहार से काफी खुश दिखे। महिला कर्मचारी पूनम ने बताया कि हम आज सीएम को जन्मदिन पर बधाई देने आए थे। यहां पहुंचे तो चौंक गए, क्योंकि हमारे लिए खाना तैयार था। सीएम साहब ने बोला कि हमारे साथ खाना खा कर जाना। इस दौरान सीएम ने नाश्ते की टेबल पर ही कर्मियों की समस्याएं सुनी और उनके काम के बारे में चर्चा की।
बता दें कि CM सैनी का जन्म 25 जनवरी 1970 को हुआ था। आज उनके जन्मदिन पर प्रदेश से लेकर केंद्रीय नेतृत्व तक भाजपा नेता उन्हें बधाई दे रहे हैं।
नायब सैनी की कंप्यूटर ऑपरेटर, खट्टर के ड्राइवर से दूसरी बार CM बनने की कहानी…
अंबाला के गांव में जन्मे, बिहार से ग्रेजुएशन
25 जनवरी 1970, अंबाला के मिजापुर माजरा गांव के एक OBC परिवार में नायब सिंह सैनी का जन्म हुआ। उन्होंने बिहार के बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली। परिवार में पत्नी सुमन सैनी के अलावा मां कुलवंत कौर, बेटी वंशिका और बेटा अनिकेत सैनी हैं।
खुद RSS कार्यालय पहुंचे, खट्टर से मिले
1990 के दशक की बात है। हरियाणा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS अपने विस्तार की कोशिश में था। संघ प्रचारक ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़ने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान नायब सैनी को RSS के बारे में पता चला। वह पंचकूला के संघ कार्यालय पहुंचे। यहां उनकी मुलाकात मनोहर लाल खट्टर से हुई। खट्टर तब संघ के प्रचारक थे।
खट्टर की गाड़ी चलाई, PM मोदी उनके कमरे में रुकते थे
वह संघ में आने लगे। संघ की शाखाओं में शामिल होने लगे। खट्टर ने उन्हें पत्र लिखने का काम दिया। साथ ही कम्प्यूटर सीखने की सलाह भी दी। रहने के लिए संघ कार्यालय में जगह दे दी। वह खट्टर के साथ एक कमरे में रहने लगे। नरेंद्र मोदी भी जब हरियाणा आते, तो उसी कमरे में रुकते थे। खट्टर किसी जिले के दौरे पर जाते तो वह उनकी गाड़ी भी चलाते थे। आगे चलकर खट्टर BJP में चले गए। बाद में सैनी भी 1996 में BJP के सक्रिय सदस्य के तौर पर मनोहर लाल खट्टर के साथ जुड़ गए।
गन्ना आंदोलन से सुर्खियों में आए
2002 में सैनी को अंबाला BJP युवा मोर्चा का महासचिव बनाया गया। तीन साल बाद 2005 में वे युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने। सैनी संगठन के भीतर अच्छा काम कर रहे थे, लेकिन जनता के बीच उन्हें कम ही लोग जानते थे। उनके राजनीतिक करियर में बड़ा मोड़ अंबाला शुगर मिल के गन्ना आंदोलन के दौरान आया। गन्ना भुगतान के लिए हुए आंदोलन में सैनी ने अहम भूमिका निभाई।
इसके बाद वे केंद्रीय नेतृत्व की नजर में आए। जिसके बाद उन्हें पार्टी के किसान मोर्चा में प्रदेश महामंत्री बनाया गया। साल 2012 में नायब सैनी प्रमोट होकर अंबाला में भाजपा की जिला इकाई के अध्यक्ष बन गए।2009 में वह पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरे, लेकिन हार गए।
खट्टर सरकार में राज्यमंत्री रहे, फिर सांसद और प्रदेश अध्यक्ष बने
2014 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें अंबाला जिले की नारायणगढ़ विधानसभा सीट से टिकट दिया, जहां से वह विजयी रहे। जिसके बाद मनोहर लाल खट्टर के पहले कार्यकाल में वह 2016 में राज्यमंत्री बने। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें कुरूक्षेत्र सीट से उतारा। नायब सैनी को 6,86,588 वोट मिले और उन्होंने कांग्रेस के निर्मल सिंह को 3,84,591 वोटों से हराया। भाजपा ने 27 अक्टूबर 2023 को उन्हें हरियाणा में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया।
नायब सैनी पहली बार CM बने तो सबको चौंकाया..
PM ने खट्टर की तारीफ की, कैबिनेट मीटिंग हुई
11 मार्च 2024 को हरियाणा में लोकसभा चुनावों की हलचल तेज हो गई थी। इसी दिन PM नरेंद्र मोदी शाम को हरियाणा के गुरुग्राम पहुंचे। उन्होंने दिल्ली को गुरुग्राम से जोड़ने वाले हरियाणा एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया। PM ने इस दौरान मनोहर लाल खट्टर की तारीफ करते हुए कहा कि एक्सप्रेस वे के निर्माण में हरियाणा सरकार और CM खट्टर की तत्परता नजर आती है। कार्यक्रम के बाद खट्टर चंडीगढ़ लौटे और कैबिनेट की बैठक बुलाई। मीटिंग देर रात तक चली।
JJP से गठबंधन टूटने, खट्टर के इस्तीफे की खबर आई
सुबह होते ही खबरें चलने लगीं कि हरियाणा में JJP-BJP का गठबंधन टूट सकता है। खट्टर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। दरअसल 11 मार्च को ही रात में JJP के नेता और खट्टर सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे दुष्यंत चौटाला ने BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। कहा गया कि दुष्यंत JJP के लिए लोकसभा चुनाव में दो सीट की मांग कर रहे थे, जबकि BJP महज एक सीट देना चाहती थी। इस पर दुष्यंत राजी नहीं थे।
खट्टर ने इस्तीफा सौंपा, नए CM की दौड़ में विज-राव के नाम थे
12 मार्च को खट्टर ने चंडीगढ़ में BJP विधायकों की बैठक बुलाई। इस बैठक में निर्दलीय विधायकों को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन गठबंधन का हिस्सा रही JJP विधायक बैठक का हिस्सा नहीं थे। बैठक के बाद खट्टर कैबिनेट के साथ राज्यपाल से मिलने पहुंचे और सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर अपना इस्तीफा सौंप दिया। BJP-JJP के गठबंधन की सरकार गिर गई।
अब राजनीतिक गलियारों में सबसे बड़ा सवाल यही था कि BJP किसे हरियाणा का नया मुखिया बनाएगी। रेस में गृहमंत्री अनिल विज और राव इंद्रजीत सिंह जैसे नाम चल रहे थे। झारखंड के पूर्व CM अर्जुन मुंडा और राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया। पर्यवेक्षकों ने विधायकों की मीटिंग बुलाई।
सैनी के घर सुरक्षा बढ़ी, शाम को पहली बार CM पद की शपथ ली
इधर सैनी के गांव में राजनीतिक चहल-पहल बढ़ने लगी थी। पुलिस ने उनके घर की सुरक्षा बढ़ा दी। CID और पुलिस की एजेंसियां भी पहुंच गईं। इसी बीच करीब 12 बजे विधायक दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री के रूप में हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी का नाम प्रस्तावित किया गया।
मीडिया में खबर फैल गई कि हरियाणा की कमान नायब सिंह सैनी संभालेंगे। शाम करीब पांच बजे नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ लेने के ठीक बाद सैनी ने मंच पर बैठे मनोहर लाल खट्टर के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। बतौर सीएम पहली बार सैनी का करीब 6 महीने का कार्यकाल रहा।
हरियाणा के इतिहास में BJP को हैट्रिक दिलाई
2024 के प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले अमित शाह पंचकूला आए। उन्होंने मंच से कहा कि ये चुनाव हम नायब सैनी की अगुआई में लड़ेंगे। इससे तय हो गया था कि अगर भाजपा जीती तो सैनी फिर मुख्यमंत्री बनेंगे। मगर, BJP के लिए यह इतना आसान नहीं था। लगातार 10 साल यानी 2 टर्म से BJP की सरकार थी। ग्राउंड पर भाजपा के प्रति भारी एंटी इनकम्बेंसी दिख रही थी। 2014 में बहुमत के बाद 2019 में भाजपा बहुमत नहीं पा सकी थी। ऐसे में प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता मिलने का माहौल बना हुआ था।
इस सबके बीच नायब सैनी ने प्रदेश की सभी 90 सीटों पर जाकर प्रचार किया। जब सारे सर्वे और एग्जिट पोल कांग्रेस की सत्ता को तय बता रहे थे तो सैनी ने चंडीगढ़ में दावा किया कि भाजपा ही सरकार बनाएगी। 4 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को मतगणना हुई तो उन्होंने पूरे प्रदेश को चौंका दिया। भाजपा ने 90 में से 45 के बहुमत के आंकड़े से 3 ज्यादा यानी 48 सीटें जीत लीं। कांग्रेस 37 सीटों पर सिमट गई।
रिजल्ट के बाद हिसार, गन्नौर और बहादुरगढ़ से जीते निर्दलीय विधायकों ने भी सैनी की सरकार को सपोर्ट कर दिया। 17 अक्टूबर 2024 को सैनी ने दूसरी बार CM पद की शपथ ली। प्रदेश के इतिहास में 57 साल बाद पहला मौका था, जब किसी पार्टी ने लगातार तीसरी बार सरकार बनाई हो।
News Source : DainikBhaskar