Starkhabre.com, 7th September : सतारूढ दल के दो बीबी वाले एक पदाधिकारी को लेकर राजनेता और संगठन अब आमने सामने आ गए हैं। पदाधिकारी के इस्तीफे को लेकर उठी मांग के चलते अब राजनेता और संगठन में ठन गई जिसे लेकर बताया जा रहा है कि एक मीटिंग हुई जिसमें राजनेता सहित अन्य पदाधिकारी एक वरिष्ठ पदाधिकारी पर बिफर गए। चर्चा तो यह है कि मीटिंग में शामिल राजनेता सहित अन्य पदाधिकारियों ने एक वरिष्ठ पदाधिकारी पर आरोपों की बौछार कर दी और उन्हें अपना पक्ष रखने को कहा लेकिन जब वह वरिष्ठ पदाधिकारी अपनी बात से अन्य पदाधिकारियों और राजनेता को संतुष्ट करने में नाकामयाब हुआ तो सभी नाराज होकर मीटिंग से चले गए।
सतारूढ़ दल के वरिष्ठ पदाधिकारी पर पिछले कई दिनों से पैसे का लेन-देन कर पद बांटने के आरोप लग रहे हैं। हालांकि इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं, लेकिन इन आरोपों को लेकर राजनैतिक गलियारों में चर्चाओं को बाजार गर्म है। पहले 7 लाख, फिर ढाई लाख और फिर से 4 लाख रुपए की चर्चा ने न सिर्फ बाजार को गर्म किया हुआ है बल्कि साथ ही साथ कई बड़े प्रश्र भी लगा दिए हैं क्योंकि यह आरोप जिस पार्टी के पदाधिकारी पर लग रहे हैं, उस पार्टी को इन सब खरीद फरोख्त से दूर ही माना जाता रहा है।
हैरत की बात यह है कि यह आरोप पार्टी का ही एक पदाधिकारी दूसरे पदाधिकारी पर लगा रहा है। इतना ही नहीं कायदे कानून और नियमों पर खरा उतरने की छवि रखने वाले इस राजनैतिक दल में जिस पदाधिकारी को लेकर बवाल मचा हुआ है बताया जाता है कि उस पदाधिकारी ने कानून को ताक पर रखकर हिन्दू होते हुए दो-दो शादी की हुई हैं। हालांकि इसको लेकर शायद कहीं कोई शिकायत नहीं हुई है।
हाल ही में सतारूढ़ दल की हुई एक बैठक में राजनेता सहित अन्य पदाधिकारी एक वरिष्ठ पदाधिकारी पर भडक़ने की बात सामने आई है। जब खबर की सत्यता जानने का हमने प्रयास किया तो राजनैतिक गलियारों में चर्चा थी कि शुरू में जब एक वरिष्ठ पदााधिकारी पर पद को खरीद-फरोख्त के आरोप लगे थे तो बड़े राजनेता ने वरिष्ठ पदाधिारी को उस पदाधिकारी का इस्तीफा लेने के लिए कह दिया लेकिन वरिष्ठ पदाधिकारी ने कुछ समय मांग लिया। इसके बाद इस मामले को प्रदेश संगठन ने अपने हाथ में ले लिया।
चर्चाओं के बाजार में तो यह भी चर्चा है कि न सिर्फ उस युवा पदाधिकारी बल्कि अब तो वरिष्ठ पदाधिकारी के इस्तीफे तक ही बात उठाई गई, लेकिन दल की गरिमा को बनाए रखने के लिए संगठन ने वरिष्ठ पदाधिकारी से इस्तीफा नहीं लिया। वहीं वरिष्ठ पदाधिकारी किन कारणों से उस पदाधिकारी से इस्तीफा नहीं मांग रहे यह तो सिर्फ वही बता सकते हैं क्योंकि न सिर्फ आरोप बल्कि उस युवा पदाधिकारी के तो नाम पर भी कई प्रश्र खड़े हो गए हैं। आखिर युवा पदाधिकारी क्यों नाम बदलकर पार्टी में शामिल हुआ और इतना ही नहीं बल्कि संगठन में अह्म पद भी उसे मिल गया।
शोर जब मचा तो चर्चाओं का बाजार गर्म होना लाजमी था क्योंकि संगठन में इतने बड़े पद पर बैठा व्यक्ति अपने असली नाम से नहीं बल्कि फर्जी नाम से शामिल हुआ। बोर्ड, बैनर सभी उस फर्जी नाम से जबकि आधार कार्ड, पैन कार्ड सहित अन्य सभी डाक्यूमेंट किसी अन्य नाम से हैं। इतना ही नहीं उस पर मसाज पार्लर संचालक होने के भी आरोप हैं। आरोप तो इसलिए भी लग रहे हैं कि क्या सतारूढ़ दल ने आखिर बिना कुछ जाने इस युवा को फ़र्ज़ी नाम से पार्टी में कैसे शामिल कर लिया जबकि चुनावों में इस युवा के चाचा दो बार विपक्षी पार्टी के सिम्बल पर चुनाव लड़कर हार चुके हैं।
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आखिर वरिष्ठ पदाधिकारी क्यों उस पदाधिकारी से नहीं ले रहे इस्तीफा, क्या है राज?
गलत नाम से पार्टी में क्यों शामिल हुआ वह पदाधिकारी, क्या है उसका इतिहास?
राजनैतिक गलियारों में आखिर किस लाल डायरी की हो रही चर्चा?
दूसरी बीबी का क्या है राजनैतिक दल से रिश्ता, कैसे मिला पद?